"खुजली": अवतरणों में अंतर
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संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) |
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4. बिना दानों वाली या दानों वाली खुजली खुश्क या तर हो सकती है।
दाने या बिना दाने वाली खुजली भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में भिन्न भिन्न प्रकार की हो सकती हैं। कोई खुजली स्नान के बाद कम हो जाती है, कोई रात को कपड़े बदलते समय बढ़ जाती है, कोई गर्म सेंक से घटती है, कोई स्थान बदल देती है। एक जगह खुजली ठीक होती ही दूसरी जगह होने लगती है। किसी खुजली में खुजलाते खुजलाते खून निकलने लगता
== बाहरी कड़ियाँ ==
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