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:काहे वियोग मिला अइसा, मछरी जइसे तड़पे है जिया री
:आए पिया नहि बीते कई दिन, जोहत बाट खड़ी दुखियारी ॥
-प्रताप नारायण सिंह
 
 
[[रसखान]] के सवैये बहुत प्रसिद्ध हैं। कुछ उदाहरण-
"https://hi.wikipedia.org/wiki/सवैया" से प्राप्त