"दयानन्द सरस्वती": अवतरणों में अंतर
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छो स्वामी दयानन्द के संबंध में अन्य महापुरुषों के विचार रखे हैं | |
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* अन्य फ्रेञ्च लेखक रिचर्ड का कहना था कि ऋषि दयानन्द का प्रादुर्भाव लोगों को कारागार से मुक्त कराने और जाति बन्धन तोड़ने के लिए हुआ था। उनका आदर्श है- '''आर्यावर्त ! उठ, जाग, आगे बढ़। समय आ गया है, नये युग में प्रवेश कर।'''
* स्वामी जी को [[बाल गंगाधर तिलक|लोकमान्य तिलक]] ने "[[स्वराज|स्वराज्य]] और स्वदेशी का
* नेताजी [[सुभाष चन्द्र बोस]] ने "आधुनिक भारत का
* अमरीका की [[हैलीना ब्लावाट्स्की|मदाम ब्लेवेट्स्की]] ने "[[आदि शङ्कराचार्य]] के बाद "बुराई पर सबसे निर्भीक प्रहारक" माना।
* [[सर सैयद अहमद खाँ|सैयद अहमद खां]] के शब्दों में "स्वामी जी ऐसे विद्वान और श्रेष्ठ व्यक्ति थे, जिनका अन्य मतावलम्बी भी सम्मान करते थे।"
* [[विनायक दामोदर सावरकर|वीर सावरकर]] ने कहा महर्षि दयानन्द स्वाधीनता संग्राम के सर्वप्रथम योद्धा थे |
* [[लाला लाजपत राय]] ने कहा - स्वामी दयानन्द मेरे गुरु हैं उन्होंने हमे स्वतंत्रता पूर्वक विचारना , बोलना और कर्त्तव्यपालन करना सिखाया |
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== लेखन व साहित्य ==
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