"विद्युत स्थितिज ऊर्जा": अवतरणों में अंतर

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किसी [[निकाय]] में [[विद्युत आवेश|विद्युत आवेशों]] के विन्यास के कारण एक [[स्थितिज ऊर्जा]] होती है जिसे '''विद्युत स्थितिज ऊर्जा''' (Elecric Potential energy या Electrostatic Potential Energy) कहते हैं।
 
किसी वस्तु में दो कारणों से विद्युत स्थितिज ऊर्जा हो सकती है- अपने स्वयं के आवेशों के कारण तथा अन्य आवेशित वस्तुओं के सापेक्ष इसकी स्थिति के कारण। उदाहरण के लिए दो बिन्दु आवेश एक-दूसरे से '''r''' दूरी पर हों (और अन्य कोई आवेश दूर-दूर तक न हों) तो इस निकाय की विद्युत स्थितिज ऊर्जा '''k.q<sub>1</sub>q1.q<sub>2</sub>q2/r<sup>2</sup>''' के बराबर होती है।
 
==परिभाषा==
बिन्दु आवेशों के किसी निकाय की विद्युत स्थितिज ऊर्जा, [[कार्य]] की उस मात्रा के बाराबर होती है जो उन आवेशों को अनन्त से लाकर उस रूप में विन्यस्त करने में करना पड़ता है।
{{Equation box 1
|indent=:
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:जहाँ '''E''' स्थिरवैद्युत क्षेत्र है तथा d'''r'''' विस्थापन सदिश है।
 
==इन्हें भी देखें==
* [[विद्युत शक्ति]]
* [[विद्युत ऊर्जा]]
* [[स्थितिज ऊर्जा]]
 
[[श्रेणी:विद्युत]]