"बीबी का मक़बरा": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:bibika.jpg|thumb|right|200px|एक निकट दृश्य]]
 
'''बीबी के मकबरे''' का निर्माण [[मुगल]] बादशाह [[औरंग़ज़ेब]] के शहजा़दे आज़मशाह ने, अंतिम सत्रहवीं शताब्दी में करवाया था। यह उसकी माता, एवं औरंगजेब की बेगम, दिलरास बानो बेगम की याद में बनवाया गया था। दिलरास बानो बेगम को राबिया-उद-दौरानी के नाम से भी जाना जाता था | यह ताजमहल की आकृति पर बनवाया गया था। यह [[औरंगाबाद]], [[महाराष्ट्र]] में स्थित है। यह मकबरा [[अकबर]] एवं [[शाहजहाँ]] के काल के शाही निर्माण से अंतिम मुगलों के साधारण वास्तुकला के परिवर्तन को दर्शाता है। ताजमहल से तुलना के कारण ही यह उपेक्षा का कारण बना रहा।
 
==निर्माण==
अनुमान किया जाता है कि इस का निर्माण 1651 और 1661 ई के मध्यकाल में हुआ। ग़ुलाम मुस्तफा की रचना "तारीख नाम" के अनुसार इसके निर्माण का व्यय 6,68,203.7
रुपये हुआ था।<ref name="MHGaz1977">{{cite book | author=Maharashtra (India). Gazetteers Dept | title=Maharashtra State gazetteers | url=https://books.google.com/books?id=Lto-AQAAIAAJ | accessdate=25 January 2013 | year=1977 | publisher=Director of Govt. Printing, Stationery and Publications, Maharashtra State | page = 951}}</ref> इस मकबरे का गुम्बद पूरी तरह संगमरमर के पत्थर से बना हुआ है | गुम्बद के अलावा दूसरा निर्माण प्लास्टर से किया गया है |
 
== सन्दर्भभ ==
 
== सन्दर्भ ==
 
==सन्दर्भ==