"सांथाल जनजाति": अवतरणों में अंतर

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ऐतिहासिक '''संथाल''' जनजाति [[झारखंड]] के ज्यादातर हिस्सों तथा [[पश्चिम बंगाल]], [[उड़ीसा]] और [[असम]] के कुछ जिलों में रहने वाली [[भारत]] की वीर और प्राचीनतम जनजातियों में से एक है।
 
ये भारत के प्रमुख [[आदिवासी]] समूह है। इनका निवास स्थान मुख्यतः [[झारखंड]] प्रदेश है। झारखंड से बाहर ये [[बंगाल]], [[बिहार]], [[उड़ीसा]], [[मध्य प्रदेश]], [[असम]], में रहते है। संथाल प्रायः छोटे नाटे कद के होतेहोता है। इनकी नाक चौड़ी तथा चिपटी होती है। इनका संबंध प्रोटो आस्ट्रेलायड से है।
 
संथालों के समाज में मुख्य व्यक्ति इनका मांझी होता है। मदिरापान तथा नृत्य इनके दैनिक जीवन का अंग है। अन्य आदिवासी समुहों की तरह इनमें भी [[जादू टोना]] प्रचलित है। संथालो की अन्य विषेशता इनके सुन्दर ढंग के मकान हैं जिनमें खिडकीयां नहीं होती हैं। संथाल मारांग बुरु की उपासना करतें हैं साथ ही ये सरना धर्म का पालन करते हैं।