"अध्यात्म रामायण": अवतरणों में अंतर
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सर्वप्रथम श्री [[राम]] की कथा भगवान श्री [[शंकर]] ने माता [[पार्वती]] जी को सुनाया था। उस कथा को एक कौवे ने भी सुन लिया। उसी कौवे का पुनर्जन्म [[काकभुशुण्डि]] के रूप में हुआ। [[काकभुशुण्डि]] को पूर्वजन्म में भगवान [[शंकर]] के मुख से सुनी वह [[राम]] कथा पूरी की पूरी याद थी। उन्होने यह कथा अपने शिष्यों सुनाया। इस प्रकार [[राम]] कथा का प्रचार प्रसार हुआ। भगवान श्री [[शंकर]] के मुख से निकली श्रीराम की यह पवित्र कथा '''अध्यात्म रामायण''' के नाम से विख्यात है। '''अध्यात्म रामायण''' को ही विश्व का प्रथम [[रामायण]] माना जाता है।
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