"ऋग्वेद": अवतरणों में अंतर
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{{सन्दूक ऋग्वेद}}
'''ऋग्वेद''' [[सनातन धर्म]] का सबसे आरंभिक स्रोत है।
[[ऋक् संहिता]]
ऋग्वेद के विषय में कुछ प्रमुख बातें निम्नलिखित है-
* ॠग्वेद के कई सूक्तों में विभिन्न वैदिक [[देवता|देवताओं]] की स्तुति करने वाले मंत्र हैं। यद्यपि ॠग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु
* ॠग्वेद में
== गठन ==
एक प्रचलित मान्यता के अनुसार, वेद पहले एक संहिता में थे पर व्यास ऋषि ने अध्ययन की सुगमता के लिए
*(१) '''अष्टक क्रम''' -
*(
वेदों में किसी प्रकार की मिलावट न हो इसके लिए ऋषियों ने शब्दों तथा अक्षरों को गिन कर लिख दिया था। [[कात्यायन]] प्रभृति ऋषियों की [[सर्वानुक्रमणी|अनुक्रमणी]] के अनुसार ऋचाओं की
ऋग्वेद में [[ऋचा|ऋचाओं]] का बाहुल्य होने के कारण
==शाखाएँ==
{{मुख्य|वैदिक शाखाएँ}}
ऋग्वेद की
:१. [[शाकल]], २. वाष्कल, ३. आश्वलायन, ४. शांखायन और ५. माण्डूकायन। == भाष्य ==
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