"शिक्षाशास्त्र": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Catechism-Madras Presidency Village.jpg|right|thumb|300px|दक्षिण भारत के एक गाँव में शिक्षण]]
शिक्षण-कार्य की प्रक्रिया का विधिवत अध्ययन '''शिक्षाशास्त्र''' या '''शिक्षणशास्त्र''' (PedagogyPeda

gogy) कहलाता है। इसमें अध्यापन की शैली या नीतियों कानका अध्ययन किया जाता है। शिक्षक अध्यापन कार्य करता है तो वह इस बात का ध्यान रखता है कि अधिगमकर्ता को अधिक से अधिक समझ में आवे।
 
शिक्षा एक सजीव गतिशील प्रक्रिया है। इसमें अध्यापक और शिक्षार्थी के मध्य अन्त:क्रिया होती रहती है और सम्पूर्ण अन्त:क्रिया किसी लक्ष्य की ओर उन्मुख होती है। शिक्षक और शिक्षार्थी शिक्षाशास्त्र के आधार पर एक दूसरे के व्यक्तित्व से लाभान्वित और प्रभावित होते रहते हैं और यह प्रभाव किसी विशिष्‍ट दिशा की और स्पष्ट रूप से अभिमुख होता है। बदलते समय के साथ सम्पूर्ण शिक्षा-चक्र गतिशील है। उसकी गति किस दिशा में हो रही है? कौन प्रभावित हो रहा है? इस दिशा का लक्ष्य निर्धारण शिक्षाशास्त्र करता है।