"आर्थिक विकास": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
Reverted 1 edit by 2409:4043:91B:6CF3:0:0:915:78AD (talk). (ट्विंकल) टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना |
||
पंक्ति 1:
देशों, क्षेत्रों या व्यक्तिओं की आर्थिक समृद्धि के वृद्धि को
वर्तमान युग की सबसे महत्वपूर्ण समस्या 'आर्थिक विकास' की समस्या है। आर्थिक स्वतन्त्रता के बिना राजनैतिक स्वतन्त्रता का कोई महत्व (उपयोग) नहीं है। विकास और उससे जुड़े हुए मुद्दों के इस महत्व के कारण ही [[अर्थशास्त्र]] के क्षेत्र में [[विकास-अर्थशास्त्र]] नामक एक अलग विषय का ही उदय हो गया। किन्तु पिछले कुछ वर्षों से विकास-अर्थशास्त्र के एक स्वतंत्र विषय के रूप में अस्तित्व पर प्रश्न चिह्न-सा उभरता दिखाई दे रहा है। कई अर्थशास्त्री हैं जो "विकास-अर्थशास्त्र" नामक अलग विषय की आवश्यकता से ही इनकार करने लगे हैं, इनमें प्रमुख हैं- स्लट्ज, हैबरलर, बार, लिटिल, वाल्टर्स आदि। अर्थशास्त्रियों का एक वर्ग "विकास-अर्थशास्त्र" को ही समाप्त कर देने की मांग करने लगा है।
पंक्ति 5:
कुछ अर्थशास्त्रियों ने 'आर्थिक विकास' (इकनॉमिक डेवलपमेन्ट), 'आर्थिक प्रगति' (इकनॉमिक ग्रोथ) और दीर्घकालीन परिवर्तन (सेक्युलर डेवलपमेन्ट) की अलग-अलग परिभाषाएँ की हैं। किन्तु मायर और बोल्डविन ने इन तीनों श्ब्द-समूहों का एक ही अर्थ में प्रयोग किया है तथा अलग-अलग अर्थ निकालने को 'बाल की खाल निकालना' कहा है। उनके अनुसार,
: ''आर्थिक विकास एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी अर्थव्यवस्था की [[वास्तविक राष्ट्रीय आय]] में दीर्घकालिक वृद्धि होती है।''
: ''(Economic Development is a process, whereby, economy's real national income increases over a long period of time.)<ref>
== विकास का अर्थ एवं माप ==
|