"शिखरजी": अवतरणों में अंतर

श्री शिखर जी यात्रा के दौरान किसी भी समस्या के समाधान के लिए संपर्क करे
तारण (वार्ता) द्वारा सम्पादित संस्करण 3703554 पर पूर्ववत किया। (ट्विंकल)
टैग: किए हुए कार्य को पूर्ववत करना
पंक्ति 31:
[[चित्र:Tonk SHRI 10008 PARASNATH BHAGVAN.jpg|thumbnail|left|शिखर जी, पारसनाथ हिल]]
 
==[https://www.petrolvscar.com/p/contact-us.html मान्यताएँ]==
जैन धर्म शास्त्रों में लिखा है कि अपने जीवन में सम्मेद शिखर तीर्थ की एक बार भावपूर्ण यात्रा करने पर मृत्यु के बाद व्यक्ति को पशु योनि और नरक प्राप्त नहीं होता। यह भी लिखा गया है कि जो व्यक्ति सम्मेद शिखर आकर पूरे मन, भाव और निष्ठा से भक्ति करता है, उसे मोक्ष प्राप्त होता है और इस संसार के सभी जन्म-कर्म के बंधनों से अगले 49 जन्मों तक मुक्त वह रहता है। यह सब तभी संभव होता है, जब यहाँ पर सभी भक्त तीर्थंकरों को स्मरण कर उनके द्वारा दिए गए उपदेशों, शिक्षाओं और सिद्धांतों का शुद्ध आचरण के साथ पालन करें। इस प्रकार यह क्षेत्र बहुत पवित्र माना जाता है। इस क्षेत्र की पवित्रता और सात्विकता के प्रभाव से ही यहाँ पर पाए जाने वाले शेर, बाघ आदि जंगली पशुओं का स्वाभाविक हिंसक व्यवहार नहीं देखा जाता। इस कारण तीर्थयात्री भी बिना भय के यात्रा करते हैं। संभवत: इसी प्रभाव के कारण प्राचीन समय से कई राजाओं, आचार्यों, भट्टारक, श्रावकों ने आत्म-कल्याण और मोक्ष प्राप्ति की भावना से तीर्थयात्रा के लिए विशाल समूहों के साथ यहाँ आकर तीर्थंकरों की उपासना, ध्यान और कठोर तप किया।<ref>http://religion.bhaskar.com/2010/04/09/shrisammed-856616.html</ref>
 
पंक्ति 48:
 
== सन्दर्भ ==
<small>{{reflist}}</small>
<small><a href=</small>https://www.petrolvscar.com/p/contact-us.html<small>>श्री शिखर जी यात्रा में कोई भी सहायता के लिए </a> संपर्क करे {{reflist}}</small>
 
[[श्रेणी:जैन तीर्थ]]