"वासवदत्ता": अवतरणों में अंतर
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:वानरसेनामिव सुग्रीवांगदोपशोभिताम्।
श्लेष के पश्चात् [[विरोधाभास]] (विरोध के समान प्रतीति) अलंकार का प्रयोग आधिक्य से पाया जाता है। विरोधाभास में श्लेष की सहायता से वास्तविक अर्थ की प्रतीति होती है। उदाहरतः
:‘अग्रहेणापि काव्यजीवज्ञेन’।
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