"भीमबेटका शैलाश्रय": अवतरणों में अंतर

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'''भीमबेटका''' (भीमबैठका) [[भारत]] के [[मध्य प्रदेश]] प्रान्त के [[रायसेन जिला|रायसेन जिले]] में स्थित एक [[पुरापाषाण काल|पुरापाषाणिक]] आवासीय पुरास्थल है। यह आदि-मानव द्वारा बनाये गए शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिए प्रसिद्ध है। इन चित्रों को [[पुरापाषाण काल]] से [[मध्यपाषाण काल]] के समय का माना जाता है। ये चित्र [[भारतीय उपमहाद्वीप]] में मानव जीवन के प्राचीनतम चिह्न हैं। यह स्थल मध्य प्रदेश की राजधानी [[भोपाल]] से ४५ किमी दक्षिणपूर्व में स्थित है। इनकी खोज वर्ष [[१९५७]]-[[१९५८]] में डाक्टरडॉक्टर [[विष्णु श्रीधर वाकणकर]] द्वारा की गई थी।
 
भीमबेटका क्षेत्र को [[भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण]], [[भोपाल|भोपाल मंडल]] ने [[अगस्त]] [[१९९०]] में राष्ट्रीय महत्त्व का स्थल घोषित किया। इसके बाद [[जुलाई]] [[२००३]] में [[यूनेस्को]] ने इसे [[विश्व धरोहर स्थल]] घोषित किया।