"विद्युत मोटर": अवतरणों में अंतर

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== वर्गीकरण ==
संभरण (supply) के अनुसार परम्परागत रूप से मोटर दो प्रकार के गिनाये जाते रहे हैं ham ynha sansofhan dekhnege- [http://www.mechanic37.com/2016/06/dc-motor-working-and-fleming-left-hand.html [[दिष्टधारा]] मोटर (डीसी मोटर)] एवं [[प्रत्यावर्ती धारा]] मोटर (एसी मोटर)। अपने विyahविशिष्ट लक्षणों के अनुसार दोनों ही के बहुत से प्ररूप होते है। किन्तु समय के साथ यह वर्गीकरण कमजोर पड़ गया है क्योंकि [[यूनिवर्सल मोटर]] ए.सी. से भी चल सकती है। [[शक्ति एलेक्ट्रानिकी]] (पॉवर एलेक्ट्रानिक्स) के विकास ने [[कम्युटेटर]] को अब मोटरों के अन्दर से बाहर कर galatदिया haiहै।
शिष्ट लक्षणों के अनुसार दोनों ही के बहुत से प्ररूप होते है। किन्तु समय के साथ यह वर्गीकरण कमजोर पड़ गया है क्योंकि [[यूनिवर्सल मोटर]] ए.सी. से भी चल सकती है। [[शक्ति एलेक्ट्रानिकी]] (पॉवर एलेक्ट्रानिक्स) के विकास ने [[कम्युटेटर]] को अब मोटरों के अन्दर से बाहर कर दिया है।
 
मोटरों का दूसरा वर्गीकरण '''सिन्क्रोनस''' और '''असिन्क्रोनस''' के रूप में किया जाता है। यह कुछ सीमा तक अधिक तर्कपूर्ण वर्गीकरण है। सिन्क्रोनस मशीनों का [[रोटर]] उसी [[कोणीय चाल]] से चक्कर काटता है जिस गति से उस मोटर की प्रत्यावर्ती धारा के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र गति करता है। किन्तु इसके विपरीत '''असिन्क्रोनस''' मोटरों का रोटर कुछ कम गति से चक्कर करता है। [[प्रेरण मोटर]] (इन्डक्शन मोटर) इसका प्रमुख उदाहरण है।