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==== सामाजिक दायित्व ====
राजा का कर्त्तव्य सर्वसाधारण के लिए सामाजिक न्याय की स्थापना करना है। सामाजिक व्यवस्था का समुचित संचालन तभी संम्भव है, जबकि पिता-पुत्र, पति-पत्नी, गुरु-शिष्य आदि अपने दायित्वों का निर्वाह करें। विवाह-विच्छेद की स्थिति में वह स्त्री-पुरुष के समान अधिकारों पर बल देता है। स्त्रीवध, श्रमण औरतथा ब्राह्मण-हत्या को गम्भीर अपराध माना गया है।
 
==== जनकल्याण के कार्य ====