"मैग्नेट्रॉन": अवतरणों में अंतर

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[[File:Dwamagnetrony A 121.jpg|thumb|left|Magnetrons of ship's radars S-band (bigger) and X-Band (smaller)]]
'''मैग्नेट्रॉन''' अधिक शक्ति की [[सूक्ष्मतरंग|सूक्ष्मतरंगें]] पैदा करने वाली एक [[निर्वात नलिका]] (वैक्युम ट्यूब) है। इसमें एलेक्ट्रॉनों की धारा (स्ट्रीम) पर [[चुम्बकीय क्षेत्र]] की संक्रियासक्रिया से सूक्ष्मतरंगें उत्पन्न की जातींजाती हैं। आजकल इनका उपयोग [[माइक्रोवेव ओवेन]], एवं [[रडार]] के विभिन्न रूपों में प्रयुक्त होतीहोता है।'''इन किरणों की खोज 1888 ईस्वी में वैज्ञानिक हर्टज ने की थी'''
 
== इतिहास ==
आधुनिक समय में प्रयुक्त मैग्नेट्रॉन वास्तव में 'अनुनादी कोटर मैग्नेट्रॉन' (रेजोनेन्टरेज़ोनेन्ट कैविटी मग्नेट्रॉनमैग्नेट्रॉन) है। यह अपने पूर्ववर्ती मैग्नेट्रॉन ट्यूब का परिवर्तित रूप है जिसका विकास सन् १९४० में रन्डाल एवं बूट (Randall and Boot) ने किया।किया था। इस आविष्कार के कारण सेंटीमीटर-बैण्ड रडार का निर्माण सम्भव हुआ (व्यावहारिक बन गया)।
 
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