"माउंट आबू": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: कड़ी हटा रहा
छो clean up AWB के साथ
पंक्ति 10:
population_as_of = 2005 |
population_total = |
population_density = |
area_magnitude = |
area_total= |
पंक्ति 25:
 
== इतिहास ==
माउंट आबू [[प्राचीन काल]] से ही साधु संतों का निवास स्थान रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार हिन्दू धर्म के तैंतीस करोड़ देवी देवता इस पवित्र पर्वत पर भ्रमण करते हैं। कहा जाता है कि महान संत [[वशिष्ठ]] ने पृथ्वी से असुरों के विनाश के लिए यहां यज्ञ का आयोजन किया था। [[जैन धर्म]] के चौबीसवें र्तीथकर [[भगवान महावीर]] भी यहां आए थे। उसके बाद से माउंट आबू जैन अनुयायियों के लिए एक पवित्र और पूजनीय तीर्थस्थल बना हुआ है।<ref>{{cite web |url=http://45plusindia.com/details.aspx?sid=23&id=221|title= राजस्थान का स्‍वर्ग-माउंट आबू |accessmonthdayaccess-date=[[24 मार्च]]|accessyear= [[2008]]|format= एएसपीएक्स|publisher= 45प्लस इंडिया|language=}}</ref> एक कहावत के अनुसार आबू नाम हिमालय के पुत्र आरबुआदा के नाम पर पड़ा था। आरबुआदा एक शक्तिशाली सर्प था, जिसने एक गहरी खाई में भगवान शिव के पवित्र वाहन नंदी बैल की जान बचाई थी।<ref>{{cite web |url=http://www.trainenquiry.com/hindi/StaticContent/Tourist_Info/mount_abu.html|title= माउंट आबू शहर मार्गदर्शिका|accessmonthdayaccess-date=[[24 मार्च]]|accessyear= [[2008]]|format= एचटीएमएल|publisher= ट्रेनएन्क्वायरी.कॉम|language=}}</ref>
 
== दर्शनीय स्थल ==
प्राकृतिक सुषमा और विभोर करनेवाली वनस्थली का पर्वतीय स्थल 'आबू पर्वत' ग्रीष्मकालीन पर्वतीय आवास स्थल और पश्चिमी भारत का प्रमुख पर्यटन केंद्र रहा है। यह स्वास्थ्यवर्धक जलवायु के साथ एक परिपूर्ण पौराणिक परिवेश भी है। यहाँ वास्तुकला का हस्ताक्षरित कलात्मकता भी दृष्टव्य है।<ref>{{cite web |url=http://www.abhivyakti-hindi.org/paryatan/2009/mt.abu/abu.htm
|title=आबू की प्राकृतिक सुषमा|accessmonthdayaccess-date=[[१५ दिसंबर]]|accessyear= [[२००९]]|format=एचटीएम|publisher=अभिव्यक्ति|language=}}</ref> आबू का आकर्षण है कि आए दिन मेला, हर समय सैलानियों की हलचल चाहे शरद हो या ग्रीष्म। [[दिलवाड़ा जैन मंदिर|दिलवाड़ा मंदिर]] यहाँ का प्रमुख आकर्षण है। माउंट आबू से १५ किलोमीटर दूर गुरु शिखर पर स्थित इन मंदिरों का निर्माण ग्यारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच हुआ था। यह शानदार मंदिर [[जैन धर्म]] के [[तीर्थंकर|र्तीथंकरों]] को समर्पित हैं। दिलवाड़ा के मंदिर और मूर्तियाँ भारतीय स्थापत्य कला का उत्कृष्ट उदाहरण हैं। दिलवाड़ा के मंदिरों से ८ किलोमीटर उत्तर पूर्व में [[अचलगढ़ किला व मंदिर]] तथा १५ किलोमीटरदूर अरावली पर्वत शृंखला की सबसे ऊँची चोटी [[गुरु शिखर]] स्थित हैं। इसके अतिरिक्त माउंट आबू में [[नक्की झील]], [[गोमुख मंदिर]], [[माउंट आबू वन्यजीव अभयारण्य]] आदि भी दर्शनीय हैं।
[[चित्र:Mount Abu ca1898.JPG|right|thumb|300px|१८९८ में आबू पर्वत का दृष्य]]