"यूरोप": अवतरणों में अंतर
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}}'''यूरोप''' पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक [[महाद्वीप]] है। यूरोप, [[एशिया]] से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः '''यूरेशिया''' के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे [[यूराल नदी]], [[कैस्पियन सागर]], [[कॉकस पर्वत शृंखला]] और दक्षिण पश्चिम में स्थित [[काला सागर|काले सागर]] के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में [[आर्कटिक महासागर]] और अन्य जल निकाय, पश्चिम में [[अटलांटिक महासागर]], दक्षिण में [[भूमध्य सागर]] और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। [[ब्रिटेन]], [[आयरलैंड]] और [[आइसलैंड]] जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर [[ग्रीनलैंड]] उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। [[रूस]] सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा [[साइबेरिया]]ई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं।
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{{legend0|#9b8447|शुष्क घास का मैदान|शुष्क स्टेप}}
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[[तापमान]] एवं [[वर्षा]] में अन्तर मिलने के कारण यूरोप महाद्वीप की [[प्राकृतिक वनस्पति]] में भी काफी अन्तर मिलता है। यूरोप महाद्वीप के उत्तर के [[आर्कटिक महासागर]] के तटीय भाग में कठोर शीत के कारण भूमि हिमाच्छादित रहती है। अतः वनस्पति का प्रायःअभाव रहता है। इस भाग की मुख्य वनस्पति [[काई]] एवं [[लाइकेन]] है। यहाँ गर्मी में बर्फ पिघलने पर सुन्दर-सुन्दर [[सपुष्पक पौधा|फूलों वाले पौधे]] उगते हैं। जो अल्पकाल के लिए अपनी छटा दिखाकर समाप्त हो जाते हैं।<ref>{{cite book |last=तिवारी |first=विजय शंकर |title= आलोक भू-दर्शन |year=जुलाई २००४ |publisher=निर्मल प्रकाशन |location=कलकत्ता |id= |page=७१ |
दक्षिणी यूरोप के भूमध्य सागरीय प्रदेश में जहाँ भूमध्यसागरीय जलवायु पाइ जाती है वहाँ चौड़ी पत्ती वाले [[सदाबहार वन]] मिलते हैं। यहाँ बलूत, [[जैतून]], [[सीडार]], [[साइप्रस]], [[अखरोट]], [[बादाम]], [[संतरा]], [[अंजीर]] एवं [[अंगूर]] जैसे [[फलों]] के वृक्ष खूब पैदा होते हैं। उत्तरी-पश्चिमी मध्य यूरोप में समशीतोष्ण कटिबन्धीय चौड़ी पत्ती वाले पतझड़ के वन पाए जाते हैं। कठोर शीत से सुरक्षा के लिए यहाँ के वृक्ष जाड़े के प्रारम्भ में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं। ऐसे वृक्षों में बलूत, ऐश, बीच, बर्च, एल्म, मैपिल, चेस्टनट और अखरोट मुख्य हैं। ऊँचें प्रवतीय भागों में अधिक ठण्डक के कारण नुकीली पत्ती वाले वन पाए जाते हैं। इनके प्रमुख वृक्ष [[चीड़]], फर, [[सनोवर]], [[लार्च]], स्प्रूस, सीडार और [[हेमलाक]] हैं। इस प्रकार यूरोप में पतझड़ एवं नुकीली पत्ती के वृक्षों के मिश्रित वन पाए जाते हैं।
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