"मुद्रा (करंसी)": अवतरणों में अंतर

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'''मुद्रा''' (currency, करन्सी) पैसे या धन के उस रूप को कहते हैं जिस से दैनिक जीवन में ख़रीद और बिक्री होती है। इसमें सिक्के और काग़ज़ के नोट दोनों आते हैं। आमतौर से किसी देश में प्रयोग की जाने वाली मुद्रा उस देश की सरकारी व्यवस्था द्वारा बनाई जाती है। मसलन [[भारत]] में रुपया व पैसा मुद्रा है जिसके सिक्के व नोट भारतीय सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं।
भारत एक ऐसा देश है जहाँ रुपया का उन्मूलन हुआ है १९७८ में देश के प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई ने सबसे पहले देश में एक हजार का नोट बंद किया जिससे काला धन को साफ़ किया जा सके और २०१६ में प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]] ने ५०० और १००० के नोट बंद कर देश के धन का उन्मूलन किया।
 
मुद्रा दुनिया का सबसे बड़ा अविष्कार हे यहयह एक ऐसा माध्यम है जजिसके द्वारा हम सामान्य रूप से अपना क्रय विक्रय कर सकते हे जिसकी हमें है।ेेे जरुरत होती है मुद्रा का सही मतलब हम तभी समझ सकते हे जब कभी हमारे पास मुद्रा न हो क्योंकि हम उनका उपयोग करने के इतने आदि हो चुके है कि हम उनके न होने की कल्पना भी नही कर सकते हे
"जियाफ़्रे क्राउथर " ने लिखा है ,,
हर ज्ञान की साखा का एक मूलभूत अविष्कार रहा है जैसे मेकेनिक्स का चक्र, विज्ञानं का आग, राजनीती का वोट, वैसे ही आर्थसास्त्र का मुद्रा जो व्यक्ति के सामाजिक अस्तित्व के वाणिज्यिक पक्ष का आधार है , का मूल अविष्कार हे । जिन पर अन्य सब निर्भर है ।
 
मुद्रा की उत्पत्ति :-
आदिकाल में मनुष्य अपनी प्रारंभिक अवस्था में था, तब भी मनुष्य की अनेक आवस्यकताये थी। हालाँकि वर्त्तमान की तुलना में काफी कम। उस समय व्यक्ति जानवरो को मारकर उनका मांस खाकर और पेड़ो के फल खाकर पेट भरता था। उस समय मौसम की परेशानियों से बचने के लिये भी जानवर की खाल और पेड़ो के पत्तो का ही सहारा लिया जाता था। पर धीरे धीरे समाज का विस्तार और विकास होने लगा और लोगो को एक दूसरे की जरुरत महसूस होने लगी। यही से विनिमय का प्रारंभ हुआ
 
== इन्हें भी देखें ==