"क्यूबाई मिसाइल संकट": अवतरणों में अंतर
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1962 के शुरू में, एक कृषि प्रतिनिधिमंडल के साथ सोवियत सैन्य और मिसाइल निर्माण विशेषज्ञों का एक दल हवाना पहुंचा। उन्होंने क्यूबा के नेता [[फिदेल कास्ट्रो|फिडेल कास्त्रो]] के साथ एक बैठक की। क्यूबा के नेतृत्व को पूरी आशंका थी कि यू॰एस॰ (U.S.) फिर से क्यूबा पर करेगा और इसीलिए बड़े उत्साह के साथ उन्होंने क्यूबा में नाभिकीय मिसाइलें लगाने के विचार को मंजूरी दे दी। जुलाई में "मशीन ऑपरेटरों", "सिंचाई विशेषज्ञों" और "कृषि विशेषज्ञों" के वेश में मिसाइल निर्माण विशेषज्ञ वहां पहुंच गये।<ref name="hansen" /> सोवियत रॉकेट बलों के प्रमुख मार्शल सेर्गेई बिर्युज़ोव ने क्यूबा का दौरा करने वाले एक सर्वेक्षण दल का नेतृत्व किया। उन्होंने ख्रुश्चेव को बताया कि मिसाइलों को ताड़ के पेड़ों से छुपाया जाएगा और वैसा छद्मावरण बनाया जाएगा.<ref name="afmag" />
क्यूबा का नेतृत्व तब और अधिक परेशान हुआ, जब सितंबर में कांग्रेस ने यू॰एस॰ (U.S.) संयुक्त प्रस्ताव 230 को अनुमोदित कर दिया, जो अमेरिकी हितों पर खतरा होने पर क्यूबा के विरुद्ध सैन्य शक्ति के इस्तेमाल की इजाजत देता था।<ref name="blight" /> उसी दिन, यू॰एस॰ (U.S.) ने कैरिबियाई सागर में एक बड़े सैन्य अभ्यास, PHIBRIGLEX-62, की घोषणा कर दी, जिसे सुविचारित उकसावा बताकर क्यूबा ने उसकी निंदा की और इसे यू॰एस॰ (U.S.) द्वारा क्यूबा पर हमला करने की योजना बनाने का सबूत बताया। <ref name="blight" /><ref>{{cite web|url=http://library.thinkquest.org/10826/cuba.htm |title=The Days the World Held Its Breath |accessdate=4-3-2010 |publisher= |date=
[[चित्र:Jupiter IRBM.jpg|thumb|मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल जूपिटर. गुप्त रूप से यू॰एस॰ (U.S.) इटली और तुर्की से इन मिसाइलों को हटा लेने पर सहमत हुआ।]]
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[[चित्र:U2 Image of Cuban Missile Crisis.jpg|right|thumb|क्यूबा में सोवियत परमाणु मिसाइलों की यू-2 की टोही तस्वीर. ईंधन भरने और रखरखाव के लिए मिसाइल परिवहन और टेंट दिखाई दे रहे हैं।]]
आर-12 मिसाइलों की पहली खेप 8 सितंबर की रात को पहुंची और 16 सितंबर को दूसरी खेप. आर-12 पहली सामरिक मध्यम-दूरी की प्राक्षेपिक मिसाइल थी, यह सबसे पहली मिसाइल रही जिसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया गया और यह पहली सोवियत मिसाइल थी जिसे थर्मोन्यूक्लियर स्फोटक शीर्ष के साथ तैनात किया गया। यह एक सिगल-स्टेज, सड़क से परिवहनयोग्य, जमीन से चलायी जाने वाली, भंडारयोग्य प्रणोदक ईंधन मिसाइल थी, जिससे एक मेगाटन-श्रेणी के नाभिकीय हथियार को छोड़ा जा सकता था।<ref>{{cite web|url=http://www.globalsecurity.org/wmd/world/russia/r-12-specs.htm|title=R-12 / SS-4 SANDAL|publisher=Global Security|accessdate=
=== क्यूबा का स्थिति निर्धारण ===
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=== राष्ट्रपति को सूचना ===
बुधवार, 17 अक्टूबर को, सीआईए के राष्ट्रीय फोटोग्राफिक खुफिया केंद्र ने यू-2 तस्वीरों की समीक्षा की और वस्तुओं की पहचान करके उनकी व्याख्या मध्यम दूरी की प्राक्षेपिक मिसाइलों के रूप में की। उस शाम, सीआईए ने विदेश विभाग को सूचित किया और रात 8.30 EST राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मैकजॉर्ज बंडी ने राष्ट्रपति को बताने के लिए सुबह तक इंतजार करना तय किया। रक्षा सचिव रॉबर्ट एस. मैकन्मारा को आधी रात में जानकारी दी गयी। गुरुवार की सुबह 8:30 ईएसटी (EST) बजे बंडी ने कैनेडी के साथ मुलाकात की और उन्हें यू-2 से ली गयी तस्वीरें दिखाया और उन तस्वीरों के बारे में सीआईए के विश्लेषण से अवगत कराया.<ref>{{cite web| url=http://www.loc.gov/exhibits/archives/colc.html |title=Revelations from the Russian Archives | publisher=Library of Congress |accessdate=
=== प्रतिकिया पर विचार ===
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=== संगरोध को चुनौती ===
गुरुवार की सुबह 7:15 ईएसटी (EST) बजे यूएसएस ''एसेक्स'' (USS Essex) और यूएसएस ''गेयरिंग'' (USS Gearing) ने ''बुखारेस्ट'' को बीच में रोकने का प्रयास किया मगर ऐसा करने में विफल रहे। काफी हद तक निश्चित था कि उस टैंकर में कोई सैन्य सामग्री नहीं थी, इसे नाकाबंदी से जाने की अनुमति दे दी गयी थी। बाद में उस दिन, शाम 5:43 पर, नाकाबंदी प्रयास के कमांडर ने यूएसएस ''कैनेडी'' को लेबनानी मालवाहक जहाज ''मरुक्ला'' (Marucla) को रोकने और उस पर चढ़ने का आदेश दिया। यह काम अगले दिन हुआ और उसके कार्गो की जांच के बाद ''मरुक्ला'' को नाकाबंदी से बहार जाने की अनुमति दे दी गयी।<ref>{{cite web|url=http://www.battleshipcove.org/news-boarding-marucla.htm|title=Boarding MARUCLA: A personal account from the Executive Officer of USS Joseph P. Kennedy, Jr.|last=Reynolds|first=K.C.|accessdate=
25 अक्टूबर गुरुवार की शाम 5:00 ईएसटी (EST) बजे विलियम क्लीमेंट्स ने घोषणा की कि क्यूबा में मिसाइलों पर अभी भी सक्रिय रूप से काम किया जा रहा है। बाद में सीआईए (CIA) की एक रिपोर्ट द्वारा इस रिपोर्ट को सत्यापित किया गया, जिसके अनुसार काम ज़रा भी धीमा नहीं हुआ था। जवाब में, कैनेडी ने सुरक्षा कार्रवाई ज्ञापन 199 जारी किया, इसके द्वारा SACEUR (सोवियत संघ पर पहला हवाई हमला करने का जिसका जिम्मा था) के कमांड के तहत विमानों पर परमाणु हथियार लादने के काम के लिए अधिकृत किया गया। दिन के दौरान, सोवियतों ने १४ जहाजों को वापस करके अपनी संगरोध पर प्रतिक्रिया दिखाई, उन जहाजों में संभवतः आक्रामक हथियार लदे थे।<ref name="hpol" />
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=== प्रतिक्रिया मसौदा ===
कैनेडी द्वारा दूत भेजे गए और निकिता ख्रुश्चेव 27 अक्टूबर शनिवार की शाम को वाशिंगटन डी.सी. के करीब क्लीवलैंड पार्क में स्थित येनचिंग पैलेस चीयनीज रेस्टुरेंट (जो 2009 को बंद हो गया) में उनसे मिलने को राजी हो गयीं। <ref>{{cite news|url=http://www.washingtonpost.com/wp-dyn/content/article/2007/01/13/AR2007011301272.html|title=At Yenching Palace, Five Decades of History to Go|last=Frey|first=Jennifer |date= जनवरी 14, 2007|publisher=Washington Post|accessdate=
बैठक में प्रगति के साथ एक नई योजना उभर कर आयी और कैनेडी को धीरे-धीरे उस पर राजी किया गया। नई योजना ने राष्ट्रपति से नवीनतम संदेश की अनदेखी करने और बदले में ख्रुश्चेव के पुराने को मान लेने की मांग की। शुरू में कैनेडी यह सोच कर अनिश्चित थे कि ख्रुश्चेव उस समझौते को अब स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि वैसे भी नए की पेशकश की जा चुकी थी, लेकिन लेवेलियन थॉम्पसन ने दलील पेश की कि वे इसे स्वीकार कर ही सकते हैं। व्हाइट हाउस के विशेष परामर्शदाता और सलाहकार टेड सोरेंसेन और रॉबर्ट कैनेडी बैठक करके चले गए और 45 मिनट बाद एक मसौदा पत्र के प्रभाव के साथ वापस लौटे. राष्ट्रपति ने इसमें कई परिवर्तन किए थे, टाइप किया गया और इसे भेजा गया।
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27 अक्टूबर शनिवार की मध्य रात्रि 12:12 ईएसटी (EST) को यू॰एस॰ (U.S.) ने अपने नाटो (NATO) सहयोगियों को सूचित किया कि "स्थिति कमजोर होने जा रही है।.. संयुक्त राज्य अमेरिका को जरूरी लगता है बहुत ही कम समय के भीतर अपने हितों के लिए उसे और पश्चिमी गोलार्द्ध में उसके सहयोगी देशों को कोई भी सैन्य कार्रवाई करना जरूरी हो सकता है।" सुबह 6 बजे सीआईए (CIA) ने चिंता में और इजाफा करने के लिए रिपोर्ट किया कि क्यूबा में सभी मिसाइलें कार्रवाई के लिए तैयार थीं।
बाद में उसी दिन, इस जानकारी के बगैर ही कि पनडुब्बी परमाणु-सिरे वाला टारपिटो के ऐसे क्रम में लैस था ताकि अगर पनडुब्बी के ढांचे में "छेद हो जाए" (गहराई पर मार करनेवाले हथगोले से सतह पर आग लगने पर छेद हो जाना) तो इसके प्रयोग किया जा सके, यूएस (US) नौसेना ने बहुत सारा "सिग्नलिंग डीप चार्जेज" (बहुत गहराई में छोड़े जानेवाले हैंड ग्रैनेड का आकार<ref>{{cite web|url=http://www.gwu.edu/~nsarchiv/NSAEBB/NSAEBB75/|title=The Submarines of October|accessdate=1 मई 2010|publisher= [[George Washington University]], National Security Archive }}</ref>) संगरोधी रेखा में सोवियत पनडुब्बी (बी-59) पर गिराया, व्हाइट हाउस ने बाद में उसे "काला शनिवार" कहा.<ref>{{cite web|url=http://www.gwu.edu/~nsarchiv/nsa/cuba_mis_cri/press3.htm|title=The Cuban Missile Crisis, 1962: Press Release, 11 अक्टूबर 2002, 5:00 PM|date=
व्रेंगल द्वीप से सोवियत का मिग लड़ाकू विमान तेजी से उड़ा और इसके प्रतिक्रियास्वरूप अमेरिका ने हवा से हवा में मार करनेवाले परमाणु मिसाइलों के साथ F-102 को बेरिंग सागर के ऊपर भेजा.<ref>{{cite web|url=http://history.sandiego.edu/gen/filmnotes/thirteendays4.html|title=The Thirteen Days, October 16–28, 1962 |last=Schoenherr|first=Steven |date=April 10, 2006|accessdate=3 मई 2010}}</ref>
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यू॰एस॰ (U.S) ने संगरोध जारी रखा और अगले दिनों में, हवाई जांच ने साबित कर दिया कि सोवियत का मिसाइल प्रणालियों को दूर हटाने का काम प्रगति पर था। 42 मिसाइलों और उनके सहयोगी उपकरणों को आठ सोवियत जहाज पर लाद दिया गया था। 5-9 नवम्बर तक जहाजों ने क्यूबा छोड़ दिया। यू॰एस॰ (U.S.) ने अंतिम दृश्य जांच किया कि हरेक जहाज संगरोधी लाइन को पार चुका हैं या नहीं। सोवियत आईएल-28 बमवर्षकों को हटाने के लिए आगे और भी राजनयिक प्रयासों की जरूरत थी और 5 तथा 6 दिसम्बर को वे तीन सोवियत जहाजों में लाद दिए गए। संगरोध औपचारिक रूप से 20 नवम्बर 1962 को शाम 6:45 ईडीटी (EDT) बजे समाप्त हो गया।<ref name="global">{{cite web|url=http://www.globalsecurity.org/military/ops/cuba-62.htm|title=Cuban Missile Crisis|publisher=Global Security|accessdate=6 मई 2010}}</ref>
यू॰एस॰ (U.S.) एटॉर्नी जनरल रॉबर्ट कैनेडी ने सोवियत राजदूत एंटोनी डोब्रेनिन से अपने समझौते में अनौपचारिक रूप से प्रस्ताव दिया कि [[तुर्की]] में जूपिटर मिसाइलों को "संकट खत्म होने के कुछ ही दिनों के भीरत" हटा लिया जाएगा.<ref>{{cite book | last=Glover |first=Jonathan |title=Humanity: a moral history of the twentieth century |url=http://books.google.com/?id=xtqFJVhmuowC |accessdate=2 जुलाई 2009
कैनेडी-ख्रुश्चेव की इस संधि का व्यावहारिक प्रभाव यह हुआ कि इसने प्रभावी ढंग से क्यूबा में कास्त्रो की स्थिति को मजबूत किया, साथ में निश्चित किया कि यू॰एस॰ (U.S.) क्यूबा पर आक्रमण नहीं करेगा। यह संभव है कि ख्रुश्चेव ने क्यूबा में मिसाइलों को केवल इसलिए रखा था ताकि कैनेडी इटली और तुर्की से मिसाइले हटा ले, जबकि सोवियत का परमाणु युद्ध की शरण में जाने का कोई इरादा नहीं था; बशर्ते अमेरिकियों द्वारा गोली मार कर उनकी हत्या कर दी जाए.{{Citation needed|date=May 2010}} बहरहाल, चूंकि दक्षिणी इटली और तुर्की में नाटो (NATO) बेस से जूपिटर मिसाइलों का हटा लिया जाना उस समय सार्वजनिक नहीं किया गया था, इसीलिए ख्रुश्चेव संघर्ष को हारते हुए नजर आते हैं और कमजोर हो जाते है। धारणा यह बनी कि महाशक्तियों के बीच की लड़ाई में कैनेडी जीत गए और ख्रुश्चेव अपमानित हो गए। हालांकि, यह मामला पूरी तरह से ठीक ऐसा नहीं है क्योंकि कैनेडी और ख्रुश्चेव दोनों ने ही उनकी अपनी सरकारों के दबाव के बावजूद पूर्ण संघर्ष को टाल देने के लिए ही हर कदम उठाया. ख्रुश्चेव अगले दो साल तक सत्ता में बने रहे। <ref name="Faria" />{{rp|102-105}}
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