"क्यूबाई मिसाइल संकट": अवतरणों में अंतर

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अमेरिकियों को स्टालिनवादी सोवियत विस्तारवाद की आशंका थी, लेकिन किसी लैटिन अमेरिकी देश का यूएसएसआर (USSR-सोवियत संघ) के साथ खुलेआम मित्रता अस्वीकार्य माना जाता था, इससे 1945 में [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के अंत के बाद से चल रही सोवियत-अमेरिकी शत्रुता में वृद्धि हुई। इस तरह का हस्तक्षेप मोनरो सिद्धांत का सीधा उल्लंघन था, यह संयुक्त राज्य अमेरिका की नीति है कि [[पश्चिमी गोलार्ध|पश्चिमी गोलार्द्ध]] के देशों पर यूरोपीय शक्तियों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
 
अप्रैल, 1961 में बे ऑफ़ पिग्स के विफल आक्रमण से संयुक्त राज्य अमेरिका को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा होना पड़ा था, जो राष्ट्रपति [[जाह्न केनेडी|जॉन एफ कैनेडी]] के मातहत [[सी आइ ए|सीआईए]] (CIA) द्वारा प्रायोजित शक्तियों द्वारा किया गया था। उसके बाद पूर्व [[ड्वैट ऐज़नहौवर|राष्ट्रपति आइजनहावर]] ने कैनेडी से कहा कि "बे ऑफ़ पिग्स की विफलता सोवियत संघ को ऐसा कुछ करने के लिए प्रोत्साहित करेगी जो वे अन्यथा नहीं करते."<ref name="Absher">{{cite journal |title=Mind-Sets and Missiles: A First Hand Account of the Cuban Missile Crisis |first=Kenneth Michael |last=Absher |publisher=Strategic Studies Institute, United States Army War College |year=2009 |url=http://www.strategicstudiesinstitute.army.mil/pubs/display.cfm?pubID=935}}</ref>{{rp|10}} अधूरे मन से किये आक्रमण से सोवियत प्रमुख निकिता ख्रुश्चेव और उनके सलाहकारों की धारणा बनी कि कैनेडी निर्णय लेने में ढुलमुल हैं और एक सोवियत सलाहकार ने लिखा, "अल्पायु, बौद्धिक, संकट कालीन परिस्थितियों में निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम नहीं ... बहुत अधिक बौद्धिक और बहुत अधिक कमजोर."<ref name="Absher" /> विफल ऑपरेशन मोंगूज के साथ यू॰एस॰ (U.S.) की गुप्त सामरिक गतिविधि 1961 में जारी रही। <ref name="chronology">{{cite book |archivedate=Novemberनवम्बर 16, 2007 | archiveurl = http://web.archive.org/web/20071116163309/http://ourworld.compuserve.com/homepages/jbfranklins/Cuba.htm | title = The Cuban Missile Crisis - An In-Depth Chronology | first = Jane | last = Franklin|url=http://ourworld.compuserve.com/homepages/jbfranklins/Cuba.htm}}</ref> सार्वजनिक रूप से, फरवरी 1962 को, संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्यूबा के विरुद्ध आर्थिक नाकाबंदी की शुरुआत की। <ref>{{cite web | url = http://www.presidency.ucsb.edu/ws/index.php?pid=58824 | title = Proclamation 3447—Embargo on all trade with Cuba |author=[[John F. Kennedy]]| work= The American Presidency Project |location=Santa Barbara, California }}</ref>
 
संयुक्त राज्य अमेरिका ने फिर से गुप्त कार्रवाई पर विचार किया और अपने विशेष गतिविधि डिवीजन के सीआईए (CIA) अर्द्धसैनिक अधिकारियों को क्यूबा में प्रवेश कराया.<ref>{{cite book |title=Shadow Warrior: The CIA Hero of 100 Unknown Battles|last=Rodriguez |publisher=Simon & Schuster |date=अक्टूबर 1989 |isbn=9780671667214 |others= John Weisman}}</ref> वायुसेना जनरल कर्टिस लेमे ने सितंबर को आक्रमण-पूर्व बमबारी की एक योजना कैनेडी के समक्ष प्रस्तुत की, जबकि जासूसी उड़ानों और ग्वान्टोनामो नौसेना अड्डे पर अमेरिकी सेना द्वारा किये जा रहे छोटे-मोटे उत्पीड़न की क्यूबा की कूटनीतिक शिकायतें यू॰एस॰ (U.S.) सरकार से निरंतर की जा रही थी।
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यू॰एस॰ (U.S) ने संगरोध जारी रखा और अगले दिनों में, हवाई जांच ने साबित कर दिया कि सोवियत का मिसाइल प्रणालियों को दूर हटाने का काम प्रगति पर था। 42 मिसाइलों और उनके सहयोगी उपकरणों को आठ सोवियत जहाज पर लाद दिया गया था। 5-9 नवम्बर तक जहाजों ने क्यूबा छोड़ दिया। यू॰एस॰ (U.S.) ने अंतिम दृश्य जांच किया कि हरेक जहाज संगरोधी लाइन को पार चुका हैं या नहीं। सोवियत आईएल-28 बमवर्षकों को हटाने के लिए आगे और भी राजनयिक प्रयासों की जरूरत थी और 5 तथा 6 दिसम्बर को वे तीन सोवियत जहाजों में लाद दिए गए। संगरोध औपचारिक रूप से 20 नवम्बर 1962 को शाम 6:45 ईडीटी (EDT) बजे समाप्त हो गया।<ref name="global">{{cite web|url=http://www.globalsecurity.org/military/ops/cuba-62.htm|title=Cuban Missile Crisis|publisher=Global Security|accessdate=6 मई 2010}}</ref>
 
यू॰एस॰ (U.S.) एटॉर्नी जनरल रॉबर्ट कैनेडी ने सोवियत राजदूत एंटोनी डोब्रेनि‍न से अपने समझौते में अनौपचारिक रूप से प्रस्ताव दिया कि [[तुर्की]] में जूपिटर मिसाइलों को "संकट खत्म होने के कुछ ही दिनों के भीरत" हटा लिया जाएगा.<ref>{{cite book | last=Glover |first=Jonathan |title=Humanity: a moral history of the twentieth century |url=http://books.google.com/?id=xtqFJVhmuowC |accessdate=2 जुलाई 2009 |year=2000 |publisher=Yale University Press |isbn=0300087004 |pages=464 }}</ref>{{rp|222}} आखिरी यू॰एस॰ (U.S.) मिसाइलों को 24 अप्रैल 1963, तक खोलकर अलग-अलग कर दिया गया और इसके तुरंत बाद उन्हें तुर्की से बाहर भेज दिया गया।<ref>{{cite book |last=Schlesinger |first=Arthur |title=Robert Kennedy and his times |url=http://books.google.com/?id=0xqrU5lnD7AC&pg=PA528&dq=robert+kennedy+ambassador++cuban+missile |accessdate=Julyजुलाई 2, 2009 |year=2002 |publisher=Houghton Mifflin Harcourt |isbn=0618219285 |page=523 |pages=1088 }}</ref>
 
कैनेडी-ख्रुश्चेव की इस संधि का व्यावहारिक प्रभाव यह हुआ कि इसने प्रभावी ढंग से क्यूबा में कास्त्रो की स्थिति को मजबूत किया, साथ में निश्चित किया कि यू॰एस॰ (U.S.) क्यूबा पर आक्रमण नहीं करेगा। यह संभव है कि ख्रुश्चेव ने क्यूबा में मिसाइलों को केवल इसलिए रखा था ताकि कैनेडी इटली और तुर्की से मिसाइले हटा ले, जबकि सोवियत का परमाणु युद्ध की शरण में जाने का कोई इरादा नहीं था; बशर्ते अमेरिकियों द्वारा गोली मार कर उनकी हत्या कर दी जाए.{{Citation needed|date=मई 2010}} बहरहाल, चूंकि दक्षिणी इटली और तुर्की में नाटो (NATO) बेस से जूपिटर मिसाइलों का हटा लिया जाना उस समय सार्वजनिक नहीं किया गया था, इसीलिए ख्रुश्चेव संघर्ष को हारते हुए नजर आते हैं और कमजोर हो जाते है। धारणा यह बनी कि महाशक्तियों के बीच की लड़ाई में कैनेडी जीत गए और ख्रुश्चेव अपमानित हो गए। हालांकि, यह मामला पूरी तरह से ठीक ऐसा नहीं है क्योंकि कैनेडी और ख्रुश्चेव दोनों ने ही उनकी अपनी सरकारों के दबाव के बावजूद पूर्ण संघर्ष को टाल देने के लिए ही हर कदम उठाया. ख्रुश्चेव अगले दो साल तक सत्ता में बने रहे। <ref name="Faria" />{{rp|102-105}}