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:::मित्र महोदय, समस्या तो यही है कि आप जैसा महान व्यक्ति हम जैसे छोटे से योगदानकर्ताओं को "बटेर" और "मोर" आदि शब्द अपनी सुविधा और आकलन से कह सकता है और शायद यह विकि-नीतियों के अंतरगत स्वीकारनीय है। मैं चाहूँगा कि प्रबंधक सूचनापट पर हमारे प्रबंधक यही बात की घोषणा कर दें। सारा मामला यहीं समाप्त हो जाएगा। शुभ रात्रि। --[[सदस्य:Hindustanilanguage|मुज़म्मिल]] ([[सदस्य वार्ता:Hindustanilanguage|वार्ता]]) 18:32, 24 नवम्बर 2018 (UTC)
::::उपमा अथवा रूपक न सही उत्प्रेक्षा तो हमेशा स्वीकार्य होती है। बाक़ी आपके चाहने से प्रबंधक घोषणा करते या नहीं करते देखा जायेगा। चाहने से तो सबकुछ होता नहीं, नहीं तो कुछ प्रबंधक तो चाहते होंगे कि वे फूँक दें और हम भस्म हो जाएँ, सारा मामला समाप्त हो जाए। --[[User:SM7|<span style="color:#00A300">SM7</span>]]<sup>[[User talk:SM7|<small style="color:#6F00FF">--बातचीत--</small>]]</sup> 18:43, 24 नवम्बर 2018 (UTC)
== इंद्रकील पर्वत ==
पीठाश्वर महायोगी सत्येंद्रनाथ के अनुसार
इंद्रासन पर्वत प्रदेश के 10 बड़े पहाड़ों में से एक है। जिसमें इसे पंचपीठों के बीच में स्थित बताया गया है। इन पांच पीठों में से कौलांतक पीठ, जालंधर पीठ, कुर्म पीठ, श्रीपीठ व बराहपीठ है। इसमें इंद्राकील पर्वत कौलांतक, जालंधर व कुर्म पीठ के बीच में है। महायोगी ने शोध में पाया कि वास्तव में पर्वत का नाम इंद्रकील पर्वत नहीं था। यह नाम बाद में पड़ा था। इस से पता चलता है कि यह पर्वत कुल्लू में नहीं है। कृपया लिंक देखें।
http://dnasyndication.com/dbarticle.aspx?nid=DBHIM1941
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