"गंगा नदी": अवतरणों में अंतर

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→‎टीका टिप्पणी: सागर खुदाया सागरी कुआ करोड़ हजार गंगा पधारी आंगनव धिन धिन छे पड़िहार
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==टीका टिप्पणी==
 
सागर खुदाया सागरी कुआ करोड़ हजार
गंगा पधारी आंगनव धिन धिन छे पड़िहार
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'''क.'''&nbsp;&nbsp;&nbsp; {{Note_label|पृथ्वीराज रासो|क|none}} इंदो किं अंदोलिया अमी ए चक्कीवं गंगा सिरे। .................एतने चरित्र ते गंग तीरे।