"संस्कृत व्याकरण": अवतरणों में अंतर
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[[संस्कृत]] में [[व्याकरण]] की परम्परा बहुत प्राचीन है। संस्कृत भाषा को शुद्ध रूप में जानने के लिए व्याकरण शास्त्र का अधययन किया जाता है। अपनी इस विशेषता के कारण ही यह [[वेद]] का सर्वप्रमुख अंग माना जाता है ('[[वेदांग]]'
: ''यस्य षष्ठी चतुर्थी च विहस्य च विहाय च।
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