"चौपाई": अवतरणों में अंतर
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गोस्वामी तुलसीदास ने [[रामचरित मानस]] में चौपाइ छन्द का बहुत अच्छा निर्वाह किया है। चौपाई में चार चरण होते हैं, प्रत्येक चरण में १६-१६ मात्राएँ होती हैं तथा अन्त में गुरु होता है।
== सन्दर्भ ==
{{टिप्पणीसूची}}
{{रस छन्द अलंकार}}
[[श्रेणी:हिन्दी साहित्य]]
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