"वन्दे मातरम्": अवतरणों में अंतर

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'''वन्दे मातरम्''' ( [[बाँग्ला]]: বন্দে মাতরম) <ref name=">{{cite web| url=http://india.gov.in/knowindia/national_song.php| title=National Symbols of India| publisher| accessdate=29 अप्रैल 2008}}</ref> [[बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय]] द्वारा संस्कृत बाँग्ला मिश्रित भाषा में रचित इस गीत का प्रकाशन सन् [[१८८२]] में उनके उपन्यास [[आनन्द मठ]] में अन्तर्निहित गीत के रूप में हुआ<ref name="mustard">[http://www.mustrad.org.uk/articles/mataram.htm Vande Mataram<!-- Bot generated title -->]</ref> था। इस [[उपन्यास]] में यह गीत भवानन्द नाम के संन्यासी द्वारा गाया गया है। इसकी धुन [[यदुनाथ भट्टाचार्य]] ने बनायी थी। इस गीत को गाने में 65 सेकेंड (1 मिनट और 5 सेकेंड) का समय लगता है।
 
सन् २००३ में, [[बीबीसी वर्ल्ड सर्विस]] द्वारा आयोजित एक अन्तरराष्ट्रीय [[सर्वेक्षण]] hddhdhhduudमें, जिसमें उस समय तक के सबसे मशहूर दस गीतों का चयन करने के लिये दुनिया भर से लगभग ७,००० गीतों को चुना गया था और बी०बी०सी० के अनुसार १५५ देशों/द्वीप के लोगों ने इसमें मतदान किया था उसमें वन्दे मातरम् शीर्ष के १० गीतों में दूसरे स्थान पर था।<ref>[http://www.bbc.co.uk/worldservice/us/features/topten/profiles/index.shtml The Worlds Top Ten] — BBC World Service</ref>
 
== गीत ==
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* यह ऐसे [[उपन्यास]] से लिया गया है जो कि मुस्लिम विरोधी है;
* दो अनुच्छेद के बाद का गीत – जिसे कोई महत्व नहीं दिया गया, जो कि प्रासंगिक भी नहीं है - में दुर्गा की अराधना है।
हालाँकि ऐसा नहीं है कि भारत के सभी मुसलमानों को इस पर आपत्ति है या सब [[हिन्दू]] इसे गाने पर जोर देते हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले विख्यात संगीतकार ए० आर० रहमान ने, जो ख़ुद एक मुसलमान हैं, [[वन्दे मातरम्]] को लेकर एक संगीत एलबम तैयार किया था जो बहुत लोकप्रिय हुआ। अधिकतर लोगों का मानना है कि यह विवाद राजनीतिक है।gहै।
 
== विविध ==
क्या किसी को कोई गीत गाने के लिये मजबूर किया जा सकता है अथवा नहीं? यह प्रश्न [[सर्वोच्च न्यायालय]] के समक्ष '''बिजोय एम्मानुएल वर्सेस केरल राज्य'''<ref> A.I.R. 1987 S.C. 748 [http://www.angelfire.com/linux/prasun/cipe/009.txt</ref> नाम के एक वाद में उठाया गया। इस वाद में कुछ विद्यार्थियों को स्कूल से इसलिये निकाल दिया गया था क्योंकि उन्होने ''राष्ट्र-गान'' [[जन गण मन]] को गाने से मना कर दिया था। यह विद्यार्थी स्कूल में [[राष्ट्रगान]] के समय इसके सम्मान में खड़े होते थे तथा इसका सम्मान करते थे पर गीत को गाते नहीं थे। गाने के लिये उन्होंने मना कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली और स्कूल को उन्हें वापस लेने को कहा। सर्वोच्च न्यायालय का कहना था कि यदि कोई व्यक्ति [[राष्ट्रगान]] का सम्मान तो करता है पर उसे गाता नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह इसका अपमान कर रहा है। अत: इसे न गाने के लिये उस व्यक्ति को दण्डित या प्रताड़ित नहीं किया जा सकता। चूँकि [[वन्दे मातरम्]] इस देश का [[राष्ट्रगीत]] है अत: इसको जबरदस्ती गाने के लिये मजबूर करने पर भी यही कानून व नियम लागू होगा।
 
== इन्हें भी देखें ==
* [[वन्दे मातरम का इतिहास]]
* [[भारत माता]]
* [[बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय]]
* [[आनन्द मठ]]
 
== बाहरी कड़ियाँ ==