"युवराज सिंह": अवतरणों में अंतर
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Yuvraj singh बचपन में रोलर स्केटिंग और टेनिस में बहुत ही अच्छे थे, इन्होंने Rollar Skating में National U – 11 चैंपियनशिप भी जीती.
युवराज ने बचपन में बाल कलाकार के रूप में 2 पंजाबी फिल्म्स ‘पट सरदार’ और ‘मेहेन्दी सगण दी’ में काम किया.
युवराज सिंह को बचपन से ही दुसरे खेलों में रुचि थी। किन्तु इनके पिता ने इन्हें cricket के लिए ही जोर दिया. नवजोत सिंह सिन्धु Yuvraj के coach बने, किन्तु उनकी बैटिंग में कोई भी Improvement नहीं हुई तब इनके पिता ने coach के रूप में इन्हें cricket में आगे बढ़ाया.
शुरुआत में इनके पिता ने इन्हें ट्रेन किया इसके बाद इन्हें mumbai के एल्फ – वेंगसरकर क्रिकेट एकेडमी में भेज दिया गया.
December साल 1999 में युवराज ने बिहार के खिलाफ मैच खेल कर U- 19 कूच बिहार ट्राफी में 3 शतक लगाकर 404 बॉल्स में 358 रन्स बनाये. सबसे अच्छी बात यह है कि उस समय MS Dhoni बिहार की Team से थे.
जब Yuvraj Singh बहुत ही कम उम्र के थे। तक उनके पिता का तलाक़ हो गया और Yuvraj अपनी माँ के साथ रहने लगे.
उनका लकी नंबर 12 है.
Yuvraj singh, Sachin Tendulakr को अपना प्रेरणास्त्रोत समझते हैं.
सबसे पहले International Cricket Match में युवराज को 21 लाख रूपये का चेक मिला जिसे उन्होंने अपनी माँ को घर खरीदने के लिए दिया.
2007 ICC T -20 worldcup में इन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 6 बॉल्स में 6 छक्के मार कर एक इतिहास कायम कर दिया.
सन 2011 के World Cup के बाद इन्हें पता चला कि इन्हें लंग कैंसर है ! किन्तु वे कमजोर नहीं पड़े और Chemotherapy के जरिये वे ठीक हो कर वापस भी लौट आये.
युवराज ने अपने बाएँ हाथ के बाइसेप में रोमन में “XII” टेटू बनवाया है.
युवराज ने कैंसर से पीढित रोगियों के लिए youwecan की स्थापना की.
==बाहरी कड़ियाँ==
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