"छिलका": अवतरणों में अंतर
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'''तरबूज का छिलका''' - दाद, एकजीमा की शिकायत होने पर तरबूज के छिलकों को सूखाकर, जलाकर राख बना लें। तत्पश्चात् उस राख को कड़ुवे तेल में मिलाकर लगाये।
'''नींबू का छिलका''' : ताजा निचोड़े गये नीम्बू के छिलके को त्वचा पर रगड़ने से त्वचा के बंद रोम छिद्र खुल जाते हैं और त्वचा पर से मैल भी उतर जाता है।
इसके अलावा नीम्बू के छिलके को त्वचा पर रगड़ने का एक अतिरिक्त लाभ यह भी है कि गरमियों के मौसम में त्वचा पर सूरज की रोशनी से पड़ने वाले काले निशान दूर करने में बहुत मदद मिलती है।
इन लाभों को पाने के लिये बस इतना सा करना है कि नीम्बू का रस निकालने के बाद छिलके को फेंकना नही है बल्कि उसको रोज एक बार अपनी त्वचा पर रगड़ना है।
== इन्हें भी देखें ==
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* [http://ranchiexpress.com/74476.php छिलके के चमत्कारी रूप]
* [http://ranchiexpress.com/74476.php जवानी बरकरार रखे केले का छिलका]
*[https://www.burningbite.com/2019/07/nimbu-ke-fayde.html निम्बू का छिलका]
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