"महाड़ सत्याग्रह": अवतरणों में अंतर

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== पृष्ठभूमि ==
[[हिन्दू]] जाति प्रथा में दलितों (जिन लोगो को दबाया गया हो समाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और शैक्षिक रूप से) को [[समाज]] से पृथक करके रखा जाता था। उन लोगों को सार्वजनिक नदी, तालाब और सड़कें इस्तेमाल करने की मनाही थी। अगस्त 1923 को बॉम्बे लेजिस्लेटिव कौंसिल के द्वारा एक प्रस्ताव लाया गया, कि वो सभी जगह जिनका निर्माण और देखरेख सरकार करती है, ऐसी जगहों का इस्तमाल हर कोई कर सकता है।<ref name="Sangharakshita2006">{{साँचा:Cite book|author=Sangharakshita|title=Ambedkar and Buddhism|url=http://books.google.com/books?id=e-b2EzNRxQIC&pg=PA53|date=1 January 2006|publisher=Motilal Banarsidass Publishe|isbn=978-81-208-3023-3|pages=53–55}}</ref> जनवरी 1924 में, महाड जोकि बॉम्बे कार्यक्षेत्र का हिस्सा था। उस अधिनियम को नगर निगम परिषद के द्वारा लागु किया गया। लेकिन सवर्णवादी हिन्दुओं के विरोध के कारण इसे अमल में नहीं लाया जा सका।<span class="cx-segment" data-segmentid="29"></span>
 
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