→दस अंकों का परिचय
Dr.jagdish (वार्ता | योगदान) No edit summary |
Dr.jagdish (वार्ता | योगदान) |
||
== दस अंकों का परिचय ==
'''पहला अंक (अलंकारन्यास)''' : इस अंक में यह कथा है कि राजा का साला शाकार उज्जयिनी की प्रसिद्ध गणिका वसन्तसेना को पाना चाहता है। अपने दो साथियों के साथ एक अँधेरी रात में वह वसन्तसेना का पीछा करता है। भयभीत वसन्तसेना चारुदत्त के घर में शारण लेती है। चोरों से बचने की बात कहकर वह अपने सारे स्वर्ण-आभूषाण चारुदत्त के घर में धरोहर के रूप में छोड़ देती है।
|