"विक्रमादित्य": अवतरणों में अंतर

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==साहित्यिक परंपरा में विक्रमादित्य==
===गाथा सप्तशती===
विक्रमादित्य प्रमार के बारे में सबसे प्राचीन अनुश्रुती प्रतिष्ठान के राजा हाल [[सातवाहनरचित]] '''गाथा सप्तशती''' या '''[[गाहा सत्तसई]]''' की है, जिसमें श्रृंगार रस के ललित पदों का संग्रह है। इसमें निम्न श्लोक विक्रमादित्य का उल्लेख करता है -
'''संवाहण सुहरसतोसियेण देन्तेणतुह करे लक्खम्।'''
'''चल्लेण विक्कमाइत्त-चरिअं अणुसिक्खियं तिस्सा॥'''(गाथा 564)<ref>गाथा सप्तशती. गाथा.564</ref>