"भारत का संविधान": अवतरणों में अंतर
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{{भारत के राष्ट्रपति}}
{{Constitution of India| President Swearing-in
'''भारत का संविधान''',[[भारत]] का सर्वोच्च [[विधि|विधान]] है जो [[संविधान सभा]] द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से
<ref name="Hari Das">{{cite book | last = Das | first = Hari | title = Political System of India | publisher=Anmol Publications |page=120 | year = 2002 | isbn = 81-7488-690-7 }}</ref> भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।<ref name="longest">{{cite book | last = Pylee | first = M.V. | title = India's Constitution | publisher=S. Chand & Co.|page=3 | year = 1997 | isbn = 81-219-0403-X }}</ref>
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भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष [[राजेन्द्र प्रसाद|डॉ. राजेन्द्र प्रसाद]] थे। संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 में अपना काम पूरा कर लिया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ। इसी दिन कि याद में हम हर वर्ष 26 जनवरी को [[गणतंत्र दिवस]] के रूप में मनाते हैं। भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था।
== संक्षिप्त परिचय ==
भारतीय संविधान में वर्तमान समय में भी केवल 395 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 24 भागों में विभाजित है। परन्तु इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं। संविधान में [[भारत सरकार|सरकार]] के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था की गई है जिसकी संरचना कुछ अपवादों के अतिरिक्त [[संघवाद|संघीय]] है। केन्द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख [[भारतीय राष्ट्रपति|राष्ट्रपति]] है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्द्रीय [[संसद]] की परिषद् में राष्ट्रपति तथा दो सदन है जिन्हें राज्यों की परिषद [[राज्यसभा]] तथा लोगों का सदन [[लोकसभा]] के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 (1) में यह व्यवस्था की गई है कि राष्ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक रूप होगा जिसका प्रमुख [[प्रधानमंत्री]] होगा, राष्ट्रपति इस मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्पादन करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद] में निहित है जिसका प्रमुख [[प्रधानमंत्री]] है जो वर्तमान में [[नरेन्द्र मोदी]] हैं।<ref>http://parliamentofindia.nic.in/ls/debates/facts.htm</ref>
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== इतिहास
'''{{मुख्य|भारतीय संविधान का इतिहास}}'''
[[द्वितीय विश्वयुद्ध]] की समाप्ति के बाद जुलाई 1945 में [[ब्रिटेन]] ने भारत संबन्धी अपनी नई नीति की घोषणा की तथा भारत की संविधान सभा के निर्माण के लिए एक [[कैबिनेट मिशन]] भारत भेजा जिसमें 3 मंत्री थे। 15 अगस्त 1947 को भारत के आज़ाद हो जाने के बाद [[संविधान सभा]] की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से आरम्भ कर दिया। संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे। [[जवाहरलाल नेहरू]], डॉ [[भीमराव अम्बेडकर]], डॉ [[राजेन्द्र प्रसाद]], सरदार [[वल्लभ भाई पटेल]], मौलाना [[अबुल कलाम आजाद]] आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। इस संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में कुल 114 दिन बहस की। संविधान सभा में कुल 12 अधिवेशन किए तथा अंतिम दिन 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किया और संविधान बनने में 166 दिन बैठक की गई इसकी बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतन्त्रता थी। भारत के संविधान के निर्माण में संविधान सभा के सभी 389 सदस्यो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,26 नवम्बर 1949 को सविधान सभा ने पारित कियाऔर इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।इस सविधान में सर्वाधिक प्रभाव भारत शासन अधिनियम 1935 का है। इस में लगभग 250 अनुच्छेद इस अधिनियम से लिये गए हैं।
==भारतीय संविधान की संरचना
यह वर्तमान समय में भारतीय संविधान के निम्नलिखित भाग हैं-<ref>[http://india.gov.in/hi/my-government/constitution-india/constitution-india-full-text भारत का संविधान (पूर्ण पाठ)]</ref>
* ''एक [[भारतीय संविधान की उद्देशिका|उद्देशिका]],
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'''बारहवीं अनुसूची''' - इसमे नगरपालिका का वर्णन किया गया हैं ; यह अनुसूची संविधान में 74वें संवैधानिक संशोधन द्वारा जोड़ी गई।
== आधारभूत विशेषताएँ
संविधान प्रारूप समिति तथा [[सर्वोच्च न्यायालय]] ने भारतीय संविधान को [[संघवाद|संघात्मक संविधान]] माना है, परन्तु विद्वानों में मतभेद है। अमेरीकी विद्वान इस को 'छद्म-संघात्मक-संविधान' कहते हैं, हालांकि पूर्वी संविधानवेत्ता कहते हैं कि अमेरिकी संविधान ही एकमात्र संघात्मक संविधान नहीं हो सकता। संविधान का संघात्मक होना उसमें निहित संघात्मक लक्षणों पर निर्भर करता है, किन्तु माननीय सर्वोच्च न्यायालय (पी कन्नादासन वाद) ने इसे पूर्ण संघात्मक माना है।
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*12. राज्यों की कार्यपालिक शक्तियाँ संघीय कार्यपालिक शक्तियों पर प्रभावी नहीं हो सकती है।
== संविधान की प्रस्तावना
[[File:Constitution of India.jpg|thumb|right|250px|४२वें संशोधन से पूर्व भारत के संविधान की प्रस्तावना]]
{{main|भारतीय संविधान की उद्देशिका}}
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