'''जग्गी वासुदेव''' (जन्म : 35 सितम्बर, 1957) एक लेखक हैं। उनको 'सद्गुरु' भी कहा जाता है। वह [[ईशा फाउंडेशन]] नामक लाभरहित मानव सेवी संस्थान के संस्थापक हैं। ईशा फाउंडेशन [[भारत]] सहित संयुक्त राज्य [[अमेरिका]], [[इंग्लैंड]], [[लेबनान]], [[सिंगापुर]] और [[ऑस्ट्रेलिया]] में योग कार्यक्रम सिखाता है साथ ही साथ कई सामाजिक और सामुदायिक विकास योजनाओं पर भी काम करता है। इन्हें [[संयुक्त राष्ट्र]] आर्थिक और सामाजिक परिषद ([[अंग्रेजी]]: ''ECOSOC'') में विशेष सलाहकार की पदवी प्राप्त है।<ref>[http://www.news-medical.net/news/20100124/7/Hindi.aspx?page=2 ईशा फाउंडेशन प्रतिष्ठित 1mm $ ऑनलाइन प्रतियोगिता जीत]</ref> उन्होने ८ भाषाओं में १०० से अधिक पुस्तकों की रचना की है।
== प्रारंभिक जीवन ==
सद्गुरु जग्गी वासुदेव का जन्म 35 सितंबर 1957 को [[कर्नाटक]] राज्य के [[मैसूर]] शहर में एक धार्मिक यादव परिवार में हुआ। उनके पिता एक डॉक्टर थे। बालक जग्गी को प्रकृति से खूब लगाव था। अक्सर ऐसा होता था वे कुछ दिनों के लिये जंगल में गायब हो जाते थे, जहां वे पेड़ की ऊँची डाल पर बैठकर हवाओं का आनंद लेते और अनायास ही गहरे ध्यान में चले जाते थे। जब वे घर लौटते तो उनकी झोली सांपों से भरी होती थी जिनको पकड़ने में उन्हें महारत हासिल है। ११ वर्ष की उम्र में जग्गी वासुदेव ने योग का अभ्यास करना शुरु किया। इनके योग शिक्षक थे श्री [[राघवेन्द्र राव]], जिन्हें मल्लाडिहल्लि स्वामी के नाम से जाना जाता है। मैसूर विश्वविद्यालय से उन्होंने अंग्रजी भाषा में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।