Gjwgwoehe
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खुदीराम का जन्म [[३ दिसंबर]] [[१८८९]] को [[पश्चिम बंगाल]] के [[मिदनापुर]] जिले के बहुवैनी नामक [[गाँव]] में कायस्थ परिवार में बाबू त्रैलोक्यनाथ बोस के यहाँ हुआ था। उनकी [[माता]] का नाम लक्ष्मीप्रिया देवी था। बालक खुदीराम के मन में देश को आजाद कराने की ऐसी लगन लगी कि नौवीं कक्षा के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी और [[स्वदेशी आन्दोलन]] में कूद पड़े। छात्र जीवन से ही ऐसी लगन मन में लिये इस नौजवान ने [[हिन्दुस्तान]] पर अत्याचारी सत्ता चलाने वाले ब्रिटिश साम्राज्य को ध्वस्त करने के संकल्प में अलौकिक धैर्य का परिचय देते हुए पहला बम फेंका और मात्र १९ वें वर्ष में हाथ में [[भगवद गीता]] लेकर हँसते - हँसते फाँसी के फन्दे पर चढकर [[इतिहास]] रच दिया।
 
== क्रान्ति के क्षेत्र में ==
स्कूल छोड़ने के बाद खुदीराम रिवोल्यूशनरी पार्टी के सदस्य बने और [[वन्दे मातरम्]] पैफलेट वितरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। [[१९०५]] में [[बंग भंग|बंगाल के विभाजन]] (बंग-भंग) के विरोध में चलाये गये आन्दोलन में उन्होंने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।