"भक्ति आन्दोलन": अवतरणों में अंतर
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भक्ति आंदोलन के नेता [[रामानंद]] ने [[राम]] को [[भगवान]] के रूप में लेकर इसे केन्द्रित किया। उनके बारे में बहुत कम जानकारी है, परन्तु ऐसा माना जाता है कि वे 15वीं शताब्दी के प्रथमार्ध में रहे। उन्होंने सिखाया कि भगवान राम सर्वोच्च भगवान हैं और केवल उनके प्रति प्रेम और समर्पण के माध्यम से तथा उनके पवित्र नाम को बार-बार उच्चारित करने से ही मुक्ति पाई जाती है।
[[चैतन्य महाप्रभु]] एक पवित्र हिन्दू भिक्षु और सामाजिक सुधार
श्री [[रामानुजाचार्य]], [[भारतीय दर्शन|भारतीय दर्शनशास्त्री]] थे और उन्हें सर्वाधिक महत्वपूर्ण वैष्णव संत के रूप में मान्यता दी गई है। रामानंद ने उत्तर भारत में जो किया वही रामानुज ने दक्षिण भारत में किया। उन्होंने रुढिवादी कुविचार की बढ़ती औपचारिकता के विरुद्ध आवाज उठाई और प्रेम तथा समर्पण की नींव पर आधारित वैष्णव विचाराधारा के नए सम्प्रदायक की स्थापना की। उनका सर्वाधिक असाधारण योगदान अपने मानने वालों के बीच जाति के भेदभाव को समाप्त करना।
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