"हिंदी साहित्य": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 48:
[[केशव]] ([[१५४६]]-[[१६१८]]), [[बिहारी (साहित्यकार)|बिहारी]] (१६०३-१६६४), [[भूषण (हिन्दी कवि)|भूषण]] (१६१३-१७०५), [[मतिराम]], [[घनानन्द]] , [[सेनापति]] आदि इस युग के प्रमुख रचनाकार रहे।
 
=== आधुनिकHkधुनिक काल (1900 ईस्वी के पश्चात) ===
{{main|आधुनिक काल}}
[[आधुनिक काल]] हिंदी साहित्य पिछली दो सदियों में विकास के अनेक पड़ावों से गुज़रा है। जिसमें गद्य तथा पद्य में अलग अलग विचार धाराओं का विकास हुआ। जहां काव्य में इसे [[छायावादी युग]], [[प्रगतिवादी युग]], [[प्रयोगवादी युग]] और [[यथार्थवादी युग]] इन चार नामों से जाना गया, वहीं गद्य में इसको, [[भारतेंदु युग]], [[द्विवेदी युग]], [[रामचंद‍ शुक्ल व प्रेमचंद युग]] तथा [[अद्यतन युग]] का नाम दिया गया।