"नाथूला दर्रा": अवतरणों में अंतर

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[[File:Rumtek monastery.jpg|thumb|तिब्बती तीर्थ यात्री बौद्ध धर्म के पवित्र मठों में से एक [[रुमटेक मठ|रुम्तेक मठ]] की यात्रा करने इस दर्रे से आ सकते हैं।]]
भारतीय ओर से, दर्रे तक बुधवार, गुरुवार, शनिवार, और रविवार को केवल भारतीय नागरिक ही जा सकते हैं<ref name = "Soil"/> और इसके लिए उन्हें एक दिन पूर्व गान्तोक से अनुमति लेनी होती है।<ref name="Permissions">{{cite web|url=http://www.scstsenvis.nic.in/Sikkim%20chapter.pdf |title=Ecodestination of India-Sikkim Chapter |accessdate=1 दिसम्बर 2006 |author=एन्विस दल |date=4 जून 2006 |format=PDF |work=Eco-destinations of India |publisher=दि एनवायरमेंटल इनफार्मेशन सिस्टम (ENVIS), पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार |page=45 |deadurlurl-status=yesdead |archiveurl=https://web.archive.org/web/20070619234731/http://www.scstsenvis.nic.in/Sikkim%20chapter.pdf |archivedate=19 जून 2007 }}</ref> यह दर्रा खासतौर पर उन तिब्बती तीर्थयात्रियों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो प्रसिद्ध और पवित्र माने जाने वाले बौद्ध मठों में से एक [[रुमटेक मठ|रुम्तेक मठ]] की यात्रा करना चाहते हों। हिन्दुओं के लिए, यह दर्रा मानसरोवर झील की यात्रा के समय को पन्द्रह दिनों से घटा का दो दिन की बना देता है।<ref name="review">{{cite news |first =जी॰ |last = विनायक|url = http://www.rediff.com/news/2004/jul/28spec2.htm|title = Nathu La: closed for review| language=en |trans-title= नाथू ला पुनरीक्षण हेतु बंद |work = दि रेडिफ स्पेशल |publisher = [[रीडिफ़.कॉम]]|date = 28 जुलाई 2004|accessdate = 26 नवम्बर 2006}}</ref>
 
भारतीय सरकार का एक प्रमुख चिंता का विषय यह है कि वन्यजीव उत्पादों, जैसे शेर और तेंदुए की खाल, हड्डियाँ, भालू का गाल ब्लैडर, [[ऊदबिलाव]] के फर और शाहतूश ऊन का अवैध व्यापार होगा और ये सामान नाथूला से होकर भारतीय बाजार में आने लगेंगे। भारत सरकार पुलिस और क़ानून प्रवर्तक एजेंसियों को इस व्यापार हेतु संवेदनशील बनाने के लिए प्रोग्राम चला रही है। अभी इस तरह का ज्यादातर अवैध व्यापार नेपाल के रास्ते होता है।<ref>{{cite web| url=http://www.hindu.com/2006/06/23/stories/2006062322050300.htm | title=Doubts over traffickers using re-opened Nathula Pass | language=en |trans-title=दुबारा खुले नाथूला दर्रे के तस्करों द्वारा प्रयोग का सन्देह | work=[[द हिन्दू]] | accessdate=6 जुलाई 2006 |date=23 जून 2006 | first=बिन्दु शाजन | last=पेराप्प्दन}}</ref>