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'''करमानशाह''' (<small>[[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]]: {{Nastaliq|ur|استان كرمانشاه}}, ओस्तान-ए-करमानशाह; [[कुर्दी भाषा|कुर्दी]]: Kirmaşan, किरमाशान</small>) [[ईरान]] का एक प्रान्त है। १९६९ से १९८६ तक इसे 'करमानशाहान' और १९८६ से १९९५ तक इसे 'बख़्तारान' के नाम से जाना जाता था।
 
== विवरण ==
करमानशाह प्रान्त में १४ शहरिस्तान (ज़िले) हैं। इसकी राजधानी ८.२ लाख की आबादी वाला करमानशाह शहर है जो सफ़ीद कूह पहाड़ की ढलानों पर बसा हुआ है। यहाँ एक विशेष प्रकार का ईरानी क़ालीन बनता है जिसका नाम ही करमानशाह क़ालीन है। इस इलाक़े की चावल से बनी 'नान बिरेन्जी' मिठाई प्रसिद्ध है और यहाँ से 'रोग़न करमानशाही' नाम का मिलने वाला तेल ईरान-भर में मशहूर है। इधर एक 'गिवे' नाम की ख़ास जूती भी बनती है।
 
इस प्रान्त में बहुत से प्राचीन [[खँडहर]] मिलते हैं जो [[हख़ामनी साम्राज्य]] और [[सासानी साम्राज्य]] के ज़माने में निर्मित हुए थे। इनमें बीस्तून शिलालेख प्रसिद्ध है जो [[दारा प्रथम|दारयूश महान]] ने बनवाया था और जिसमें तीन भाषाओँ (पुरानी फ़ारसी, एलामी भाषा और [[अक्कादी भाषा]]) में लिखा है। इसी शिलालेख के ज़रिये पुरानी फ़ारसी में प्रयोग होने वाली [[अंकन (लिपि)|अंकन लिपि]] (क्यूनीफ़ॉर्म) समझी जा पाई है।<ref name="ref78coqoc">[http://books.google.com/books?id=SPfWkoj4n14C Early Civilizations of the Old World: The Formative Histories of Egypt, the Levant, Mesopotamia, India and China], Charles Keith Maisels, Psychology Press, 2001, ISBN 978-0-415-10976-5, ''... The Behistun inscriptions are the Rosetta Stone of Assyriology. The Behistun inscriptions were copied by Rich between 1835 and 1837, when he was resident at Kermanshah as military adviser to the Shah's brother, the governor of Kurdistan ...''</ref>
 
== सन्दर्भ ==