"संगणक संचिका": अवतरणों में अंतर

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{{About|संगणक संचिकाओं और संचिका प्रणालियों के बारे सामान्य जानकारी|और विस्तृत व तकनीकी लेख|संचिका प्रणाली}}
'''संगणक संचिका''' एकत्रित जानकारी का एक वर्ग है, या जानकारी को संचित करने के लिए एक संसाधन है जो कि किसी [[संगणक कार्यक्रम]] को उपलब्ध होता है और आमतौर पर यह किसी प्रकार की टिकाऊ [[कंप्यूटर स्मृति|संगणक भंडारण]] पर आधारित होता है। संचिका टिकाऊ इस लिहाज़ से होती है कि यह मौजूदा कार्यक्रम के समाप्त होने के बाद भी अन्य कार्यक्रमों द्वारा इस्तेमाल के लिए मौजूद रहती है। संगणक संचिकाओं को पारंपरिक रूप से दफ़्तरों और पुस्तकालयों के [[फ़ाइलिंग केबिनेट|फ़ाइलों]] में मौजूद कागज़ के [[दस्तावेज़|दस्तावेज़ों]] का आधुनिक रूप माना जा सकता है, इसीलिए अंग्रेज़ी में इसका नाम फ़ाइल पड़ा है।
 
== संचिकाओं की सामग्री ==
न्यूनतम स्तर पर कई आधुनिक [[प्रचालन प्रणालीतन्त्र|प्रचालन प्रणालियाँ]] संचिकाओं को केवल एक-आयामी [[बाइट|बाइटों]] की शृंखला ही मानती हैं। अधिक उच्च स्तर पर, जब संचिका की सामग्री को भी मद्देनज़र रखा जा रहा हो, तो ये द्विलवीय अंक [[पूर्णाक]], [[अक्षर]], [[छवि]] [[पिक्सल|पिक्सेल]], [[ध्वनि]] या किसी और चीज़ का प्रतिनिधित्व करते हुए माने जा सकते हैं। यह संचिका का इस्तेमाल करने वाले कार्यक्रम पर निर्भर है कि वह किस प्रकार संचिका का अर्थ निकालता है और जानकारी के आंतरिक जमाव को कैसे समझता है, ताकि प्रयोक्ता को और अधिक मायने रखने वाली शैली में इसी जानकारी को प्रस्तुत कर सके (जैसे कि लेख, छवियाँ, ध्वनियाँ या चलनीय अनुप्रयोग कार्यक्रम के तौर पर)।
 
किसी भी समय पर संचिका का एक आकार होगा, आमतौर पर यह [[बाइट|बाइटों]] में अभिव्यक्त किया जाता है और यह दर्शाता है कि इस संचिका ने भंडार में कितनी जगह घेरी हुई है। अधिकतर आधुनिक प्रचालन प्रणालियों में यह आकार कोई भी अऋणात्मक पूर्णांक हो सकता है, लेकिन प्रणाली के अनुसार इसकी अधिकतम सीमा होगी। लेकिन संचिका की साधारण परिभाषा यह लाज़िमी नहीं ठहराती है कि उसके मौजूदा आकार का कोई वास्तविक अर्थ हो, सिवाय उस मामले में जब संचिका की सामग्री, एक दृढ संग्रह के समूह के अंदर की कुछ सामग्री हो।
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संगणक पर, संचिकाओँ को बनाना, बदलना, बढ़ाना, छोटा करना, स्थानांतरित करना और मिटाना संभव है। अधिकतर मामलों में, संगणक कार्यक्रमों को संगणक पर चला कर यह सब किया जाता है, पर ज़रूरत हो तो संगणक का प्रयोक्ता भी संचिकाओं में बदलाव कर सकता है। उदाहरण के लिए, [[माइक्रोसॉफ्ट वर्ड]] की संचिकाएँ आमतौर पर प्रयोक्ता के निर्देशों के आधार पर माइक्रोसाफ़्ट वर्ड कार्यक्रम द्वारा बनाई जाती हैं, लेकिन प्रयोक्ता इन संचिकाओं को सीधे ही [[विंडोज़ एक्स्प्लोरर]] जैसे किसी [[संचिका प्रबंधक]] कार्यक्रम के जरिए भी हटा, मिटा या स्थानांतिरित कर सकता है।
 
[[यूनिक्स-जैसी]] प्रणालियों में प्रयोक्ता-क्षेत्र की प्रक्रियाएँ आमतौर पर सीधे संचिकाओं से नहीं उलझती हैं; [[प्रचालन तन्त्र|प्रचालन प्रणाली]] एक [[पृथक्करण]] स्तर प्रदान करती है जिसकी वजह से प्रयोक्ता-क्षेत्र की ओर से संचिकाओं के साथ का लगभग सारा लेन-देन [[कठोर कड़ी|कठोर कड़ियों]] से होता है। कठोर कड़ियों के जरिए किसी संचिका का नाम दिया जा सकता है (या ये बेनाम - अतः अस्थायी - रह सकती है); विशुद्ध रूप से प्रचालन प्रणाली में संचिकाओं के नाम नहीं होते हैं। उदाहरण के लिए प्रयोक्ता-क्षेत्र के कार्यक्रम किसी संचिका को मिटा नहीं सकते हैं, वे केवल उस संचिका की कड़ी को मिटा सकते हैं (उदाहरण के लिए [[खोल संगणन|खोल]] निर्देश <code>rm</code> या <code>mv</code> के जरिए, या बेनाम संचिकाओं के मामले में, केवल बहिर्गमन कर के ही) और यदि अष्ठि को यह पता लगता है कि इस संचिका की अब कोई और कड़ियाँ नहीं हैं, तो वह इस संचिका को मिटा सकता है। वास्तव में केवल अष्ठि ही संचिकाओं से लेन-देन करता है, पर प्रयोक्ता-क्षेत्र के अनुरोधों का (आभासी) संचिकाओं के जरिए इस तरह होता है कि प्रयोक्ता-क्षेत्र कार्यक्रमों को यह अज्ञात ही रहता है।
 
== क्रिया कलाप ==
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उपरोक्त चर्चा में संचिका का वर्णन एक उच्च स्तरीय प्रचालन प्रणाली या प्रयोक्ता के लिए एक परिकल्पना के तौर पर हुआ है। लेकिन, किसी भी संचिका को वास्तव में काम लायक होने के लिए भौतिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक है। अर्थात्, एक संचिका की अमूर्त अवधारणा को वास्तविक संगणक प्रणाली में वास्तविक भौतिक रूप में होना आवश्यक है, अन्यथा उसका आस्तित्व होना न होना बराबर है।
 
भौतिक रूप से अधिकतर संगणक संचिकाएँ किसी प्रकार के सामग्री भंडारण उपकरण में रखी जाती हैं। उदाहरण है ''[[हार्ड जिस्क]]'', जिसके जरिए अधिकतर [[प्रचालन प्रणालीतन्त्र|प्रचालन प्रणालियाँ]] चलती हैं। अधिकतर संचिकाएँ इन्हीं में रखी जाती हैं। २१वीं सदी के प्रारब्ध में हार्ड डिस्क सार्वाधिक उपलब्ध [[गैर वाष्पषील]] भंडारण उपकरण है। यदि संचिकाओं में केवल अस्थायी सामग्री ही हो तो उन्हें [[आरएएम]] में रखा जा सकता है।
 
यूनिक्स जैसी प्रचालन प्रणालियों में कई संचिकाओं का किसी भौतिक भंडारण उपकरण से सीधा वास्ता नहीं होता है: <code>[[/dev/null]]</code> इसका एक प्रमुख उदाहरण है, इसी तरह <code>/dev</code>, <code>/proc</code> और <code>/sys</code> के अंतरंगत मौजूद लगभग सभी संचिकाएँ भी इसी प्रकार की हैं। इनका प्रयोक्ता क्षेत्र में संचिकाओं की तरह प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन ये आभासी संचिकाएँ हैं जो वास्तव में केवल प्रचालन प्रणाली की अष्ठि की वस्तुओं के तौर पर विद्यमान रहती हैं।
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== संचिका प्रणालियाँ व संचिका प्रबंधक ==
किस संगणक द्वारा संचिकाओं को आयोजित, नामित, भंडारित व परिवर्तित करने की प्रणाली को उसकी ''[[संचिका प्रणाली]]'' कहा जाता है। अधिकतर प्रचालन प्रणालियों में कम से कम एक संचिका प्रणाली होती है। कई प्रचालन प्रणालियों में कई संचिका प्रणालियाँ एक साथ चलाई जा सकती है। उदाहरण के लिए, नए एमएस विंडोज़ संगणकों पर [[एम.एस.-डॉस|एमएस-डॉस]] के पुराने एफ़एटी-शैली की संचिका प्रणालियाँ समर्थित हैं और साथ ही ताज़े विंडोज़ संस्करणों की प्रचलित संचिका प्रणाली [[एनटीएफ़एस]] भी चलती है। हर प्रणाली के अपने फ़ायदे नुकसान हैं। उदाहरण के लिए मानक एफ़एटी में केवल ८ अक्षर के संचिका नाम (और तीन अक्षर का विस्तार) चलते हैं (बिना खाली स्थान के), जबकि एनटीएफ़एस में लंबे संचिका नाम संभव हैं जिनमें खाली स्थान भी हो सकते हैं। आप किसी संचिका को एनटीएफ़एस में <code>'''Payroll records'''</code> जैसा नाम दे सकते हैं लेकिन एफ़एटी में यह नाम कुछ <code>'''payroll.dat'''</code> जैसा ही हो सकता है (या फिर आप ([[वीएफ़एटी#लंबे संचिका नाम|वीएफ़एटी]] का इस्तेमाल करें जो कि एफ़एटी का एक लंबे संचिका नाम की सुविधा देने वाला विस्तार है)।
 
[[संचिका प्रबंधक]] कार्यक्रम सुविधादायक कार्यक्रम होते हैं जिनके जरिए संचिकाओं व फ़ोल्डरों को हिलाया, बनाया, मिटाया या पुनर्नामित किया जा सकता है, पर ये वास्तव में आपको संचिका की सामग्री को पढ़ने या सामग्री जोड़ने नहीं देते हैं। हर संगणक प्रणाली अपनी मूल संचिका प्रणाली के लिए कम से कम एक संचिका प्रबंधक प्रदान करता है। विंडोज़ में सबसे अधिक प्रयुक्त संचिका प्रबंधक कार्यक्रम विंडोज़ एक्स्प्लोरर है और मैक में यह फ़ाइंडर है। लिनक्स में नॉटिलस, कॉंक्वरर जैसे कई संचिका प्रबंधक हैं।
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== इतिहास ==
[[चित्र:PunchCardDecks.agr.jpg|right|thumb|एक [[छिदी पत्ती]] संचिका]]
[[चित्र:BRL61-IBM 305 RAMAC.jpeg|right|thumb|[[आईबीएम ३०५]] प्रणाली की जुड़वाँ [[हार्ड डिस्क ड्राइव|डिस्क फ़ाइल]]]]
संचिका के लिए प्रयुक्त अंग्रेज़ी शब्द "फ़ाइल" का संगणक भंडारण के संदर्भ में प्रयोग १९५२ से ही [[छिदी पत्ती|छिदी पत्तियों]] में संचित जानकारी के लिए शुरू हो गया था।<ref>रॉबर्ट एस. केसी, व अन्य। ''छिदी पत्तियाँ: विज्ञान व उद्योग में इनकी उपयोगिता'', १९५२। आईएसबीएन।</ref> प्रारंभिक प्रयोग में लोग अंतर्निहित तंत्रांश (बजाय उसमें मौजूद सामग्री) को ही फ़ाइल कहते थे। उदाहरण के लिए [[आईबीएम ३५०]] की डिस्क ड्राइवों को "डिस्क फ़ाइल" कहा जाता था।<ref>मार्टिन एच वेइक। बैलिस्टिक रिसर्च लैबोरेटरीज़ रिपोर्ट सं. १११५। मार्च १९६१। [http://ed-thelen.org/comp-hist/BRL61-ibm03.html#IBM-305-RAMAC पृ. ३१४-३३१]।</ref> १९६२ के [[संगत समय साझा प्रणाली]] जैसी प्रणालियों में ऐसी संचिका प्रणालियाँ थीं जो एक ही संचय उपकरण पर कई "संचिकाएँ" प्रदर्शित करती थीं और इस तरह इस शब्द का आधुनिक उपयोग शुरू हुआ। सीटीएसएस के संचिका नामों में दो हिस्से थे, एक प्रयोक्ता-पठनीय "प्रधान नाम" और दूसरा "अप्रधान नाम" जो संचिका का प्रकार बताता था।<ref>फ़र्नांडो जे कोर्बतो व अन्य "[http://larch-www.lcs.mit.edu:8001/~corbato/sjcc62/ एक प्रायोगिक समय साझा प्रणाली]।" ३ मई १९६२।</ref><ref>जेरोम एच साल्त्ज़र ''[http://www.lcs.mit.edu/publications/pubs/pdf/MIT-LCS-TR-016.pdf सीटीएसएस तकनीकी टीका]''। परियोजना एमआईटी-एलसीएस-टीआर०१६</ref> यह आचार कई प्रचालन प्रणालियों द्वारा आज भी काम में लिया जाता है, इनमें [[माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़]] भी शामिल है। यूँ तो आजकल प्रयुक्त "[[रजिस्टर संचिका]]" संचिकाओं की प्रारंभिक परिकल्पना दर्शाती है, किंतु यह प्रायः लुप्त हो चुकी है।