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[[चित्र:Jatropha Biodiesel - DRDO - Pride of India - Exhibition - 100th Indian Science Congress - Kolkata 2013-01-03 2579.JPG|right|thumb|200px|भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (DRDO) द्वारा [[रतनजोत]] (जत्रोफा) से निर्मित बायोडीजल]]
'''बायोडिजल''' जैविक स्रोतों से प्राप्त तथा [[डीज़ल|डीजल]] के समतुल्य इंधन है जो परम्परागत डीजल इंजनों को बिना परिवर्तित किये ही चला सकता है। भारत का पहला बायोडीजल संयंत्र आस्ट्रेलिया के सहयोग से [[काकीनाड़ा]] सेज (KSEZ) में स्थापित किया गया है<ref>[http://www.biospectrumindia.com/biospecindia/news/156515/kakinada-bio-diesel-plant Kakinada to have a bio-diesel plant]</ref>
 
== परिचय ==
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बायोडिजल वानस्पतिक तेलों से प्राप्त अन्य वैकल्पिक इंधनों से भिन्न है। बायोडीजल को बिना किसी परिवर्तन किये ही डीजल इंजनों में प्रयोग कर सकते हैं जबकि वनस्पति तेलों से प्राप्त इंधनों को केवल 'इग्निशन कम्बस्शन' वाले इंजनों में ही प्रयोग ला सकते हैं और वह भी कुछ परिवर्तनों के बाद। इस कारण, बायोडिजल प्रयोग में सर्वाधिक आसान इंधनों में से एक है। और सबसे अच्छी बात यह है कि खेती में काम आने वाले उपकरणों को चलाने के लिये सबसे उपयुक्त है।
 
बायोडिजल जिस प्रक्रिया द्वारा निर्मित किया जाता है उसे '''[[ट्रान्स-इस्टरीकरण]]''' कहा जाता है। इस प्रक्रिया में वनस्पति तेल या वसा से [[ग्लीसरीन]] को निकालना होता है। इस प्रक्रिया में मेथिल इस्टर और ग्लीसरीन आदि सह-उत्पादभी मिलते हैं। बायोडीजल में [[गंधक|सल्फर]] और अरोमैटिक्स नहीं होते जो कि परम्परागत इंधनों में पाये जाते हैं।
 
बायोडिजल के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह दूसरे इंधनों की भांति पर्यावरण के लिये हानिकारक नहीं है। इसके अलावा यह ऐसे स्रोतों से प्राप्त होता है जो पुनः नवीन किये जा सकते हैं। परम्परागत इंधनों की तरह यह प्रदूषण करने वाला धुवां नही पैदा करता।
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== इन्हें भी देखें==
*[[जैव ईंधन]]
*[[जैवभार|बायोमास]]
 
== सन्दर्भ ==