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'''आर्थिक नीति''' (Economic policy) से आशय उन सरकारी नीतियों से होता है जिनके द्वारा किसी देश के आर्थिक क्रियाकलापों का नियमन होता है। आर्थिक नीति के अन्तर्गत [[कर|करों के स्तर]] निर्धारित करना, सरकार का [[बजट]], [[मुद्रा (भाव भंगिमा)|मुद्रा]] की आपूर्ति, [[ब्याज दर]] के साथ-साथ श्रम-बाजार, राष्ट्रीय स्वामित्व, तथा अर्थव्यवस्था में सरकार के हस्तक्षेप के अनेकानेक क्षेत्र आते हैं।
 
आर्थिक नीति का सम्बन्ध आर्थिक मामलों से सम्बन्धित कुछ निर्धारित परिणामों की प्राप्ति हेतु अपनाई गई कार्यविधि से होता है। आर्थिक नीति एक व्यापक नीति है और इसमें अनेक नीतियों का समावेश किया जाता है।
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===मौद्रिक उपकरण===
मौद्रिक उपकरणों (Monetary instruments) का प्रयोग अर्थव्यवस्था में [[मुद्रा (भाव भंगिमा)|मुद्रा]] व [[साख]] की मात्रा को नियन्त्रित करने के उद्देश्य से किया जाता है।
 
आर्थिक नीति के संचालन एवं सफलता के लिए जिन प्रमुख मौद्रिक उपकरणों को प्रयुक्त किया जाता है वे निम्नांकित है :
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8. '''कीमत नीति''' : कीमत नीति द्वारा अर्थव्यवस्था में कीमतों का नियंत्रण एवं नियमन किया जाता है ताकि कीमतों में उच्चावचन न हो।
 
9. '''मौद्रिक एवं साख नीति''' : मौद्रिक कठिनाईयों को दूर करने तथा साख नियन्त्रण हेतु राष्ट्र की मौद्रिक नीति महत्वपूर्ण उपकरण है। भारत में [[भारतीय रिजर्वरिज़र्व बैंक|रिजर्व बैंक]] द्वारा प्रति छः माह बाद मौद्रिक एवं साख नीति की घोषणा एवं परिवर्तित की जाती है।
 
10. '''प्रशुल्क नीति''' : प्रशुल्क नीति का ऋण एवं व्यय के वितरण, अर्थव्यवस्था की कार्यविधि को स्थित एवं सुव्यवस्थित आधार प्रदान करने हेतु प्रयोग किया जाता है। प्रशुल्क नीति का प्रमुख कार्य पूँजी निर्माण को प्रोत्साहित करना होता है।