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ये नाटक शिल्‍प और संवेदना के स्‍तर पर अच्‍छे हैं लेकिन उनकी [https://www.thekahaniyahindi.com/2020/03/munshi-premchand-ki-kahaniya.html कहानियों] और उपन्‍यासों ने इतनी ऊँचाई प्राप्‍त कर ली थी कि नाटक के क्षेत्र में प्रेमचंद को कोई खास सफलता नहीं मिली। ये नाटक वस्‍तुतः संवादात्‍मक उपन्‍यास ही बन गए हैं।<ref>हिंदी का गद्य साहित्‍य - डॉ॰ रामचंद्र तिवारी, विश्‍वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी, 2006, पृष्‍ठ संख्‍या- 518</ref>
 
=== लेख/निबंध ===
 
अमृतराय द्वारा संपादित 'प्रेमचंद : विविध प्रसंग' (तीन भाग) वास्‍तव में प्रेमचंद के लेखों का ही संकलन है। प्रेमचंद के लेखनिबंधों प्रकाशन संस्‍थान से 'कुछ विचार' शीर्षक से भी छपे हैं। उनके प्रसिद्ध लेख हैं-
 
#[https://www.thekahaniyahindi.com/2020/03/munshi-premchand-ki-kahaniya.html साहित्‍य का उद्देश्‍य],
#पुराना जमाना नया जमाना,
#स्‍वराज के फायदे,
#कहानी कला (1,2,3),
#कौमी भाषा के विषय में कुछ विचार,
#[https://www.thekahaniyahindi.com/2020/03/munshi-premchand-ki-kahaniya.html हिंदी-उर्दू की एकता],
#महाजनी सभ्‍यता,
#[https://www.thekahaniyahindi.com/2020/03/munshi-premchand-ki-kahaniya.html उपन्‍यास],