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[[चित्र:Kashgar-mezquita-id-kah-d01.jpg|thumb|300px|[[ईदगाह मस्जिद, काशगर|ईद गाह मस्जिद, काशगर]]]]
'''काश्गर''', '''कशगार''', '''काशगुर''' या '''काशी''' (<small>[[उईगुरउइगुर भाषा|उईगुर]]: {{Nastaliq|ur|قەشقەر}}, [[चीनी]]: 喀什, [[फ़ारसी भाषा|फारसी]]: {{Nastaliq|ur|کاشغر}}</small>) [[मध्य एशिया]] में [[चीन]] के [[शिंजियांग|शिनजियांग प्रांत]] के पश्चिमी भाग में स्थित एक [[मरूद्यान|नख़लिस्तान]] (ओएसिस) शहर है, जिसकी जनसंख्या लगभग ३,५०,००० है। काश्गर शहर [[काश्गर विभाग]] का प्रशासनिक केंद्र है जिसका क्षेत्रफल १,६२,००० किमी² और जनसंख्या लगभग ३५ लाख है। काश्गर शहर का क्षेत्रफल १५ किमी² है और यह समुद्र तल से १,२८९.५ मीटर (४,२८२ फ़ुट) की औसत ऊँचाई पर स्थित है। यह शहर चीन के पश्चिमतम क्षेत्र में स्थित है और [[तारिम द्रोणी|तरीम बेसिन]] और [[टकलामकान|तकलामकान रेगिस्तान]] दोनों का भाग है, जिस वजह से इसकी जलवायु चरम शुष्क है।<ref name="ref78zoqul">[http://books.google.com/books?id=GXj4a3gss8wC Xinjiang: China's Muslim borderland], S. Frederick Starr, M.E. Sharpe, 2004, ISBN 978-0-7656-1318-9</ref>
 
पुराकाल से ही काश्गर व्यापार तथा राजनीति का केंद्र रहा है और इसके [[भारत]] से गहरे सांस्कृतिक, धार्मिक और व्यापारिक सम्बन्ध रहे हैं। भारत से शिनजियांग का व्यापार मार्ग [[लद्दाख़]] के रस्ते से काश्गर जाया करता था।<ref name="ref50mufif">[http://books.google.com/books?id=mFW3sXnzEQ4C Foreign trade and commerce in ancient India], Prakash Charan Prasad, Abhinav Publications, 1977, ISBN 978-81-7017-053-2</ref> ऐतिहासिक [[रेशम मार्ग]] की एक शाखा भी, जिसके ज़रिये [[मध्य पूर्व]], [[यूरोप]] और [[पूर्वी एशिया]] के बीच व्यापार चलता था, काश्गर से होकर जाती थी। काश्गर [[आमू दरिया|अमू दरिया]] वादी से [[ख़ोक़न्द|खोकंद]], [[समरक़न्द|समरकंद]], [[अलमाती|अलमाटी]], [[अक्सू]], और [[ख़ोतान|खोतान]] मार्गो के बीच स्थित है।
 
== विवरण ==
काशगर अवामी जमहूरीया [[चीन]] के ख़ुदमुख़तार इलाके [[शिंजियांग|शिनजियांग]] का एक शहर है जिस की आबादी २,०५,०५६ (सन् १९९९) है। ये शहर [[टकलामकान|सहरा-ए-तकलामकान]] के मग़रिब की जानिब [[तियाँ शान|कोह तयाँ शान]] के दामन में [[दरया-ए-काशगर]] के किनारे पर बसा हुआ है। समुद्र-सतह से इस की बुलंदी १,२९० मीटर (४,२३२ फुट) है। वादी [[जीहओ-ं]] की जानिब से [[ख़ोक़न्द|खोक़ंद]], [[समरक़न्द]], [[अलमाते]] और दीगर शहरों से आने वाले रास्तों के वुस़्त में स्थित होने की वजह से माज़ी में ये शहर राजनैतिक ओर कारोबारी मरकज़ रहा है। मौजूदा शहर के 200 किलोमीटर दूर मग़रिब से [[किर्गिज़स्तान|करगज़स्तान]] की सरहद के क़रीब [[रेशम मार्ग|शाहराह रेशम]] गुज़रती है जहां से जनूब मग़रिब की जानिब [[बल्ख़ प्रान्त|बलख]] और शुमाल मग़रिब की जानिब [[फ़रग़ना वादी|फरगाना]] के आसान रास्ते जाते हैं। काशगर [[शाहराह कराकोरम]] ओर [[दर्रा-ए-ख़न्जराब]] के ज़रिए [[पाकिस्तान]] के दारुलहकूमत [[इस्लामाबाद]] से मुनसलिक है और दर्राह तौरगुरत और अरक्षतिअम से [[किर्गिज़स्तान|करगज़स्तान]] से मिला हुआ है।
 
दरया-ए-काशगर से ज़रख़ेज़ होने वाली ज़मीनों पर [[कपास]], [[अनाज]] और फल काश्त किए जाते हैं। अलावा अज़ीं क़रीबी चुरा गउहूं में गुला बानी मबानी भी की जाती है। क़दीम [[रेशम मार्ग|शाहराह रेशम]] के किनारे वाक़िअ इस शहर में सदीयों से ताजिरों के कारवानों के लिए रवायती हाथ से बने कपास और रेशम के पारचा जात, [[कालीन]], चमड़े की मसनूआत और जे़वरात तैयार किए जाते थे जो आज भी यहां की अहम सनअत हैं। [[तुर्कतुर्की बाशिंदेभाषा परिवार|तुर्कों]] के [[उइग़ुर|उईग़ुर]] क़बीले से ताल्लुक रखने वाले [[मुसलमान]] यहां अक्सरीयत में हैं।
 
== तारीख़ ==
चीनी इस शहर को पहले शिव-फु कहा जाता था और ये सन् 206 ईसापूर्व से 220 ईपू तक [[हान ख़ानदानराजवंश|हान]] और 618 से 907 ईसवी तक [[तांग राजवंश|तंग ख़ानदान]] के ज़ेर-ए-इक़तिदार रहा। 751ई में [[जंग तआलास]] में चीनीयों को अरबो के हाथों ज़बरदस्त शिकस्त हुई और काशगर मिल्लत-इस्लामीया में शामिल होगया और आज भी यहां मुसलमानों की अक्सरीयत है। ये शहर 1219ई में [[चंगेज़ ख़ान]] के हमलों से तबाह हुआ। [[मार्को पोलो]] ने 1273ई में काशगर की सैर की। 1389ई में काशगर [[अमीर तैमूर]] के अताब का निशाना बिना।
 
तर्क, उइग़ुर, मंगोल और दीगर वुस़्त एशियाई सल़्तनतों का हिस्सा बनने के बाद 1759ई में [[चंग ख़ानदान]] के एद में काशगर एक मरतबा फिर चीन का हिस्सा बन गया, यूं [[मशरक़ी तुर्किस्तान]] चीनी तुर्किस्तान बन गया। मुसलमानों ने कई मरतबा हुकूमत-ए-वक्त के ख़िलाफ़ बग़ावत की, लेकिन हर मरतबा उसे कुचल दिया गया। इन में मशहूर-तरीन बग़ावत [[याक़ूब बेग]] की ज़ेर-ए-क़यादत हुई थी, जिन के एद में आज़ाद तुर्किस्तान की हुकूमत 1865ई से 1877ई तक कायम रही और इस का दारुलहकूमत काश्गर ही था। याक़ूब बेग के इंतिक़ाल के बाद 1877ई में चंग ख़ानदान ने इलाके पर मुकम्मल नियंत्रण हासिल करलिया।
 
== क़ाबिल-ए-दीद मुक़ामात ==
* [[ईद गाहईदगाह मस्जिद, काशगर|ईद गाह मस्जिद]] शहर के वुस़्त में वाक़िअ है जो चीन की सब से बड़ी [[मस्जिद]] है
* [[माओ ज़े तुंग]] का मुजस्समा, बुलंदी 18 मीटर (59 फुट)
* [[आफ़ाक़ ख़्वाजा]] का मज़ार शहर से 5 किलोमीटर शुमाल मशरिक़ में वाक़िअ है। वुस़्त काशगुर में इन के अहल ख़ाना के के दीगर अरकान के मजा रात हैं।