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बंबई (अब [[मुम्बई|मुंबई]]) में भारत के स्वतंत्रता उपरांत कई बार दंगे हुए हैं, किंतु '''बंबई दंगों''' के प्रायः अभिप्राय १९९२-९३ के [[हिन्दू]]-[[मुसलमान|मुस्लिम]] दंगों से होता है। ये दंगे [[वर्ष|दिसंबर]] [[१९९२]] से [[जनवरी]] [[१९९३]] में हुए थे। इनमें ९०० लोग हताहत हुए थे। इसके बाद [[१२ मार्च]] [[१९९३]] में आतंकवादी हमलों में २५० लोग हताहत हुए थे। इन हमलों का सरगना [[दाउद इब्राहिम]] और उसकी [[डी कंपनी]] बतायी जाती है। मुबई दंगो में कई प्रतिष्टित लोगो के नाम घसीटे गए , महाराष्ट्र में हिंदू-राष्ट्रवादी राजनीतिक दल, शिवसेना द्वारा हिंसा का व्यापक रूप से उल्लेख किया गया था। विशेष शाखा के एक उच्च पदस्थ सदस्य ने बाद में कहा कि पुलिस शिवसेना की हिंसा की गतिविधियों के लिए पूरी तरह से जागरूक थी, और उन्होंने अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ घृणा को उकसाया था। इतिहासकार बारबरा मेटकाफ ने कहा है कि दंगे मुस्लिम विरोधी थे।
 
==इन्हें भी देखें==