"लखीसराय": अवतरणों में अंतर

यहाँ के इतिहास के बारे में कुछ जानकारी ।
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=== शृंगीऋषि ===
खड़गपुर की पहाड़ियों पर स्थित यह तीर्थस्थल लखीसराय का श्रृंगार है। यह स्थान जिले के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इसका नाम प्रसिद्ध ऋषि शृंगी के नाम पर रखा गया है। किंवदंतियों के अनुसार राजा दशरथ ने अपने चारों पुत्र राम,लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न का चूड़ाकर्म संस्कार (मुण्डन) यहीं पर किये थे।नूतन वर्ष, श्रावण मास में और विशेष रूप से शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ यहाँ जुटती है। चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा यह अलौकिक स्थान सैलानियों के मन को मोह लेता है ।सबसे विशेष यहां आनेवाले पर्यटकों के लिए पहाड़ों से निकलती स्वच्छ व निर्मल जल जो जलकुण्ड में आकर गिरती है जिसमें घंटों तक लोग स्नान कर आनन्दित होते हैं।
यहाँ जाने के लिए लोग किऊल रेलवे जंक्शन से उतरकर जीप से सहूर गाँव के रास्ते ज्वलप्पा स्थान होकर जा सकते है ।सहूर गाँव के राजीव कुमार पाण्डेय,नितेश पाण्डेय,नवीन मिश्रा,राजकुमार सिंह इत्यादि हमेशा जाते रहते हैं
 
=== पोखरामा ===