"युधिष्ठिर": अवतरणों में अंतर

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== बाहरी सम्पर्क ==
== युधिष्ठिर ने क्यों दिया था अपनी मां को श्रप ==
 
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कुरुक्षेत्र में अर्जुन द्वारा कर्ण का वध करने पर जब कुंती अपने जेष्ठ पुत्र सूर्यपुत्र कर्ण पर विलाप कर रही थी तो पांडव पुत्रों ने उनसे पूछने की इच्छा प्रकट की आप शत्रु के शरीर पर क्यों विलाप कर रही हो तभी कुंती ने अपने पुत्रों को उनके जेष्ठ भ्राता बताया तो पांडु पुत्र क्रोधित हो उठे और उन्होंने अपने जेष्ठ भ्राता की मृत्यु को पाप समझा और माता कुंती की इस बात को छुपाने पर धर्मराज युधिष्ठिर ने अपनी मां को क्रोध में आकर श्रप दिया कि जीवन काल में कोई भी स्त्री किसी से भी जीवन काल में कभी बात नहीं छुपा सकती ।
 
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