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== विश्व की सभी माताओं को मातृदिवस की हार्दिक बधाई ==
 
कविता ममता का आँचल
कवयित्री सुशीला रोहिला सोनीपत हरियाणा
 
माँ स्वर नहीं मातृत्व की झलक है
माँ शिशु का सृष्टि में प्रथम क्र॔दन है
माँ वात्सल्य रस का मधुर रस है
माँ सृष्टि का ना आदि -अन्त है
 
माँ पीड़ा की हरण की छाव है
माँ की चुंबन का सुख ब्रह्मांड है
माँ का ममता भरा हाथ जनत है
माँ का आँचल सुख की नींद है ।
 
माँ ज्ञान दात्री , कर्म विधाता है
माँ भविष्य की निर्माता है
माँ की मुट्ठी में तीन लोक
ब्रह्म, विष्णु और महेश
 
 
माँ गंगा की धार ,प्रेम का अवतार
माँ करूण रस , ज्ञान का प्रकाश
माँ अन्न का भंडार , सबका रखे ध्यान
माँ में दुग्ध की रसधार , विश्व की पालनहार
 
 
माँ का सब रखे ध्यान
बच्चे बूढ़े और जवान
भारतमाता की बढाए शान
माँ की करे हम पुजा
और नहीं कोई कर्म दूजा ।
 
 
 
 
नित उठ मात-पिता को शीश झुकाए
चरण-रज मस्तक पर लगाएँ ।
माँ के दूध का कर सम्मान
सद्भावना की बने मिशाल । [[सदस्य:Rohillasushila|Rohillasushila]] ([[सदस्य वार्ता:Rohillasushila|वार्ता]]) 08:14, 10 मई 2020 (UTC)
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