"धन्वन्तरि": अवतरणों में अंतर

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पंक्ति 39:
:::'''ॐ धन्वंतरये नमः॥'''<ref name="ॐ"/>
इसके अलावा उनका एक और मंत्र भी है:
::'''ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:धन्वंतरये'''
::'''अमृतकलशअमृतकलशहस्ताय हस्ताय सर्वभय विनाशायसर्वभयविनाशाय सर्वरोगनिवारणाय'''
::'''त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूपमहाविष्णुस्वरूपाय'''
::'''श्रीश्रीधन्वंतरीस्वरूपाय धन्वंतरीश्रीश्रीश्री स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्रऔषधचक्राय नारायणाय नमः॥'''<ref name="ॐ"/><ref name="इंडिया"/><ref name="मंत्राज़"/>
::'''ॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृत कलश हस्तायअमृतकलशहस्ताय सर्व आमय'''
::'''विनाशनाय त्रिलोकत्रिलोकनाथाय नाथाय श्री महाविष्णुवेश्रीमहाविष्णुवे नम: ||'''
;अर्थात
::परम भगवनभगवान् को, जिन्हें सुदर्शन वासुदेव धन्वंतरी कहते हैं, जो अमृत कलश लिये हैं, सर्वभय नाशक हैं, सररोग नाश करते हैं, तीनों लोकों के स्वामी हैं और उनका निर्वाह करने वाले हैं; उन विष्णु स्वरूप धन्वंतरी को नमन है।
=== धन्वंतरी स्तोत्रमस्तोत्रम् ===
 
प्रचलि धन्वंतरी स्तोत्र इस प्रकार से है।
::::'''ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।'''
::::'''सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम्॥'''
::::'''कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम्।'''
::::'''वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम्॥'''<ref name="ॐ"/>
 
== सन्दर्भ ==