"आयन": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है |
→ऋणायन और धनायन: कैटायन और एनायन क्रमशः धनात्मक और ऋणात्मक आवेश को कहते हैं। जबकि पूर्व लेख में इसके बिल्कुल विपरीत लिखा गया था। टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 4:
एक इलेक्ट्रॉन और एक प्रोटोन में बराबर का [[विद्युत आवेश]] (चार्ज) होता है। इसलिये किसी आयन का अवेश उसमें मौजूद प्रोटोनों की संख्या को उसमें मौजूद इलेक्ट्रॉनों से घटाकर बताया जाता है। अगर प्रोटोनों की संख्या अधिक हो तो यह आवेश धनात्मक (पोज़िटिव) होता है और अगर इलेक्ट्रॉनों की संख्या अधिक हो तो यह आवेश ऋणात्मक (नेगेटिव) होता है।
*'''ऋणायन''' (−): इनमें इलेक्ट्रॉन अधिक और प्रोटोन कम होते हैं। [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] में इन्हें '''
*'''धनायन''' (+): इनमें प्रोटोन अधिक और इलेक्ट्रॉन कम होते हैं। [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] में इन्हें ''
== इन्हें भी देखें ==
|