"ग्रन्थ लिपि": अवतरणों में अंतर

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===स्वर===
[[Image:Grantha_VowelComp.gif]]
 
ध्यान दें: देवनगारी की तरह ही ऎ(दीर्घ ए) और ऒ(दीर्घ ओ) के लिए ए और ओ का ही प्रयोग होता है(ऎ और ऒ वास्तव में देवनागरी में नहीं हैं, ये इसलिए देवनागरी में छप पा रहे हैं क्योंकि देवनागरी के यूनिकोड मानक में इन्हें लिप्यंतरण की दृष्टि से स्थान दिया गया है)। मूलतः [[मलयालम लिपि]] और [[तमिल लिपि]] में भी लघु व दीर्घ ए और ओ में कोई भेद नहीं किया जाता था, पर अब इन लिपियों में ये स्वर जुड़ गए हैं। इसके जिम्मेदार इतालवी धर्मपरिवर्तक [[कोंस्तांज़ो बेशी]] (१६८०-१७७४) हैं।